जिलाधिकारी जौनपुर महोदय, जानिए कोरंटाइन में भेजे जाने वालों की हकीकत

दो युवकों की आपबीती जो खोलती है कोरोना के नाम पर प्रशासन की पोल


साक्ष्य के तौर पर उपलब्ध है रिकार्डिंग 

जौनपुर ।। जिलाधिकारी जौनपुर की कार्यकुशलता की प्रशंसा न केवल जौनपुर बल्कि अन्य जिलों में भी काफी मशहूर है लेकिन मातहतों के द्वारा किए जा रहे कार्य कहीं न कहीं इस छवि को धूमिल कर रहे हैं। वाकया है बंदी के समय बाहर से अपने गांव लौटे दो युवकों का जिनकी गलती यह है कि उन्होंने अपने आप से प्रशासन को यह बताया कि वह बाहर से आए हैं अतः उनकी जांच की जाय।

सुइथा कला थाना सरपतहां के अंतर्गत भेला गांव के दो युवक बाहर रहकर काम करते थे लेकिन लॉक डाउन के कारण अनेक तरह की परेशानियों को सहते हुए वह अपने गांव लौटे। रोहित मिश्र जो अहमदाबाद में रहता था तथा रोशन मिश्र बिहार से बंदी के दौरान अपने गांव पहुंचा था।

निष्क्रिय प्रधान को दी आने की सूचना

मदारीपुर भेला के निष्क्रिय ग्राम प्रधान अजय कुमार को सबसे पहले इन दोनों ने अपने गांव आने की सूचना तथा उचित जांच के लिए सूचित किया जिस पर प्रधान नें उन्हें कहा कि मैं कुछ नही कर सकता आप लोग घर क्यों आए। हालांकि दोनों युवक परिजनों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से डिस्टेनसिंग को बनाकर ही रहे।

सुइथा कला ब्लाक पर गए जहाँ से सिरकोनी जाने को कहा गया

जांच के लिए स्वतः रोहित व रोशन विकास खंड सुइथा के सरकारी अस्पताल पर दो दिन गए , पहले दिन तो अस्पताल बंद था दूसरे दिन उन्हें सिरकोनी जाकर जांच कराने को कहा गया जिस पर इन्होंने कहा कि कोई गाड़ी नही चल रही है इसलिए हम कैसे वहाँ तक जाकर जांच कराएं तो सरकारी अस्पताल से केवल पर्ची दे दी गयी और उन्हें बिना जांच छोड़ दिया गया उन्हें बताया गया कि वहाँ पर स्वैब टेस्ट की कोई व्यवस्था नही है। तीन दिन बाद आशा कार्यकर्ता की टीम आयी और कोरंटाइन का पालन करने को कहकर चलती बनी जिस पर उन्होंने बताया कि वह पहले से ही पालन कर रहे हैं।

इसके बाद दोनों ने भाजपा कार्यकर्ता केसरी नंदन मिश्र से संपर्क किया जिन्होंने इन्हें लेखपाल से संपर्क का नंबर दिया। लेखपाल ने ब्लाक पर जाने को कहा तो उन्होंने बताया कि वह पहले ही जाकर आ चुके हैं।

एक सप्ताह बाद पहुंची घर पर पुलिस , दिखाने लगी पुलिसिया हनक

एक सप्ताह बाद सरपतहां थाने के दो पुलिस कर्मी रोहित के घर पहुंचे तथा बड़े ही अभद्र ढंग से बात करते हुए उन्हें दूसरे दिन थाने पर आने को कहा। दूसरे दिन जब दोनों युवक सरपतहां थाने पहुंचे तो दोनों को डांट कर थाने के बाहर स्थित मंदिर पर बैठने को कहा। करीब 3 घंटे के इन्तज़ार के बाद पुलिस ने एक युवक को बुलाया और उसकी बाइक पर तीन सवारी शाहगंज स्थित सर सैयद अहमद कालेज में भेज दिया।

उप जिलाधिकारी ने गाली देकर लाठी मारने की बात कही

सर सैयद अहमद इण्टर कालेज में जब शाम 5 बजे उप जिलाधिकारी महोदय पहुंचे तो दोनों युवकों ने उनसे यह कहना चाहा की उन्हें घर के नजदीक ही कहीं रख दिया जाय क्योकिं रोहित के घर पर केवल उनकी माता जी ही थीं इस पर उप जिलाधिकारी ने भद्दी गालियाँ दीं तथा लाठी से पीटने की धमकी दी।

क्या हकीकत है कोरंटाइन सेंटर की

सर सैयद अहमद जिसे कोरंटाइन सेंटर बनाया गया है सबसे पहले तो वहाँ सोसल डिस्टेनसिंग का कोई भी पालन नही हो रहा है, न मास्क, न सैनिटाइजर और न ही साबुन।वहीं यह फरमान भी जारी हो गया है कि जो जिले के हैं वो अपनी व्यवस्था साबुन आदि की खुद से करें। कई लोगों के नहाने के लिए केवल 1 बाल्टी की व्यवस्था है। 

ऐसे सवाल जिसका निराकरण जरूरी है

अब सवाल यह उठता है कि अगर कोई वाहर से आने पर प्रधान को सूचित कर रहा है तो प्रधान का क्या दायित्व बनता है? खुद से सरकारी अस्पताल पहुंचने पर भी इतना निष्क्रियता क्यों दिखाई गई? लॉकडाउन में किसी वाहन के आभाव में कोई सिरकोनी तक जांच के लिए कैसे पहुंचेगा ? प्रशासन का काम मदद करना था तो प्रधान लेखपाल पूरी व्यवस्था क्यों नही कर पाए? क्या बाहर से मुसीबत में फंसे लोगों का घर वापस आना कोई अपराध है जो सरपतहां पुलिस अभद्र भाषा का प्रयोग कर रही है? तीन लोगों को बाइक पर बैठाकर भेज रहे हैं पुलिस वाले क्या ट्रैफिक के नियमों से अंजान हैं ? बाइक सवार भी बिना मास्क के?? उप जिलाधिकारी को क्या परेशानी बताना गुनाह है ? गाली और लाठी की हनक क्यों दिखाई जा रही है। घर से 25 किलोमीटर दूर जाकर कैसे कोई हर व्यवस्था कर सकता है जब यह फरमान है कि जौनपुर वालों के लिए कोई व्यवस्था नही है? जब सैनिटाइजर नही, साबुन नही, सोसल डिस्टेनसिंग नही, मास्क नही तो कोरंटाइन सेंटर पर क्या व्यवस्था है एक बाल्टी से बीसियों लोग स्नान कर रहे हैं क्या यह कोरोना संक्रमण का कारण नही बनेगा ? क्या प्रशासन के पास कोई वाहन या ऐसे कर्मी उपलब्ध नही जो इस संकटकाल में मददगार बनें ?

जिलाधिकारी महोदय यह तो दो लोगों की आपबीती है जो संज्ञान में आई है ऐसे कितने लोग प्रताड़ित हो रहे हैं इसकी सुध लेने की आवश्यता है।

रिपोर्टर

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