भिवंडी बना मटका जुआ का गढ़, सपा विधायक की आवाज के बावजूद माफिया बेलगाम

भिवंडी। भिवंडी शहर इन दिनों मटका जुआ माफिया के चंगुल में फंसता जा रहा है। हर चौराहे, हर गली और मोहल्ले में खुलेआम मटका सट्टेबाजी का धंधा फल-फूल रहा है। हैरानी की बात यह है कि भिवंडी से समाजवादी पार्टी के विधायक रईस कासिम शेख ने इस गंभीर समस्या को पिछले विधानसभा सत्र में उठाते हुए, सरकार और पुलिस प्रशासन से अवैध मटका अड्डों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। बावजूद इसके हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। ऐसा प्रतीत होता है मानो मटका माफिया ने न केवल कानून बल्कि जनप्रतिनिधियों की चेतावनियों का भी मज़ाक बना दिया है।

भोईवाडा पुलिस स्टेशन में दर्ज गु.र.क्र. 273/2025 के ताज़ा मामले में संजय छटुराम जैसवाल और अजय महादू कांबले नामक दो आरोपियों को भंडारी कंपाउंड, नेशनल होटल के पास मटका सट्टा चलाते हुए रंगेहाथों पुलिस की टीम ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से 550 रुपये नकद बरामद कर, महाराष्ट्र जुगार प्रतिबंधक कायदा कलम 12(अ) के अंतर्गत मामला दर्ज किया है।

स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि पुलिस सिर्फ दिखावटी कार्रवाई कर रही है और छोटे सटोरियों को पकड़कर खानापूर्ति में लगी है, जबकि असली माफिया अब भी खुलेआम अपने नेटवर्क को चला रहे हैं। बताया जा रहा है कि शहर में पांच बड़े मटका माफिया सक्रिय हैं, जो अपने एजेंटों के माध्यम से पूरे शहर में इस अवैध धंधे को अंजाम दे रहे हैं। खाड़ीपार रोड अजय नगर, हसीन टाकिज, कांदा-बटाटा मार्केट, अंजठा कंपाउंड, अंजूर फाटा, सोसायटी चाल, कामतघर, ओवली, पदमानगर, बाबला कंपाउंड, गायत्रीनगर, चौहान कॉलोनी, रामनगर, आमपाडा, टेमघर पाईपलाइन जैसे दर्जनों क्षेत्रों में मटका जुआ का गोरखधंधा बेखौफ जारी है। विधायक रईस शेख ने इस समस्या को लेकर पूर्व पुलिस उपायुक्त योगेश चौहान से भी मुलाकात की थी और भिवंडी को जुआ मुक्त शहर बनाने की मांग की थी। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि प्रशासन अब भी मूकदर्शक बना हुआ है और माफिया बेलगाम। अब शहरवासी यह सवाल उठा रहे हैं — क्या मटका माफिया पर कोई अंकुश लगेगा, या भिवंडी का भविष्य इसी दलदल में धंसता रहेगा?।

रिपोर्टर

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