क्या आप बच्चों की फीस भरने में अभी असमर्थ है तो इस संस्था का ऑनलाइन फार्म भरिए
- एबी न्यूज, संवाददाता
- Jun 23, 2020
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मुंबई (रोहित शुक्ला) ।। वैश्विक कोरोना महामारी में जहां लोग अपने जीवन को बचाने के लिया घरो में कैद होने पर मजबूर हैं, वहीं दूसरी ओर स्कूलों ने खलनायक का रोल अदा करते हुए, जबरन फीस वसूलने के लिए मैसेज और कॉल कर अभिभावकों पर निरंतर दबाव डाल रहे हैं। दुर्भाग्य से कई राज्य सरकारों ने ऑनलाइन पढाई की मंजूरी देकर, स्कूलों को पैसा वसूलने में परोक्ष रूप से मदत कर रही है, ओर बच्चो के स्वास्थ से खिलवाड़ कर रही है। कभी एक तरफ स्कूलों, अभिभावकों ओर सरकारों द्वारा, बच्चो को मोबाइल से दूर रखने के निर्देश दिए जाते थे, आज उसके ठीक विपरीत मासूम बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए स्कूलों और सरकारों ने मोबाइल पर ऑनलाइन पढाई की खुली पैरवी कर रहे है, जिसका एक मात्रा उद्देश्य फीस की वसूली दिखाई देती है।
चाइल्ड एंड एजुकेशन नामक संस्था पूरे भारत में सभी जरूरतमंद अभिभावकों की आवाज सरकार तक पहुंचाने का कार्य ऑनलाइन फॉर्म के माध्यम से कर रही है। संस्था ने सभी जरुरतमंद अभिभावकों से निवेदन किया है कि जो इस लॉकडाउन में आर्थिक परेशानी के कारण स्कूल फीस नहीं भर सकते हैं या जिनको ऑनलाइन पढाई से कोई परेशानी है, वह सभी ऑनलाइन फॉर्म (https://forms.gle/E2x6cT3ctxjtGqst6) भरें, जिससे संस्था सभी की समस्या सरकार के समक्ष रखे और यदि सरकार अभिभावकों की मांग नहीं सुनती तो न्यायालय में जनहित याचिका के माध्यम से न्याय दिलाने का प्रयास करती।
भारतीय कानून ने स्कूलों की मान्यता केवल धर्मार्थ कार्य के लिए ही दिए है लेकिन सभी शैक्षणिक संस्थान स्कूलों को व्यापार के तरह चले रहे है। शिक्षा विभाग ओर सरकार को तुरंत ऐसे विद्यालयों पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए विद्यालय को व्यापार कि तरह चला रहे है।
महाराष्ट्र में पालघर जिला के नायगाव में संस्था के स्वयंसेविओ ने जरूरतमंद अभिभावकों तक पहुंचकर उन्हें शिक्षा के मौलिक अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान किया साथ ही संस्था के ऑनलाइन फॉर्म भरने के बारे में बताया। प्रदीप गुप्ता ओर विश्वकर्मा विश्वकर्मा ने सरकार ओर सक्षणिक संस्थाओ से गुहार लगाई की इस वर्ष स्कूल फीस माफ़ हो, वही भारती, सोनी, ग्रेस, पारुल ने भी स्कूलों द्वारा जबरजस्ती फीस वसूली का विरोध करते हुए ऑनलाइन पढाई को तुरंत बंद करने की स्कूलों ओर सरकार से मांग किया।
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