ठाणे स्टेशन पर आने की कीमत छात्रा को पैर गवा चुकानी पड़ी

मुंबई | ठाणे शहर के मानपाड़ा निवासी 14 वर्षीय किशोरी को दोनों पैर एक रेल हादसे में गवाना पड़ा है। किशोरी रुणाली हेमंत मोरे नौवीं की छात्रा है। वह क्लासेस की खोज के लिए ठाणे रेलवे स्टेशन पर आई हुई थी। स्टेशन पर भीड़भाड़ में उसे अज्ञात व्यक्ति का धक्का लग गया और वह रेलवे के नीचे जा गिरी। इस हादसे में उसे अपने दोनों पैर गवाने पड़े हैं। एक तरफ गरीबी और अब दोनों पैर गंवाने से किशोरी को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। 
         जानकारी के अनुसार दुर्घटना  की शिकार रुणाली के घर की परिस्थिती बहुत ही जटिल है। बच्चों की शिक्षा के लिए मां लोगों के घरों में काम करती है, जबकि पिता जो काम मिल जाता है वही कर लेते हैं। दोनों की कमाई से किसी तरह परिवार का पेट भरता है। ऐसे में रूणाली के विकलांग होने से परिवार को गहरा आघात लगा है। रूणाली के उपचार हेतु पैसे न होने से परिवार ने लोगों से पैसों की मदद मांगी है। रुणाली 14 अगस्त को पहली बार क्लासेस की तलाश में घर से बाहर निकली थी।  शाम  करीब चार बजे वह ठाणे स्टेशन पर आई हुई थी। ठाणे स्टेशन पर उस समय यात्रियों की भीड़ थी, जिसका वह पहली बार अनुभव कर रही थी। ठाणे स्टेशन के प्लेटफार्म एक से वह कल्याण की दिशा की तरफ जा रही है। इस दौरान वह यात्रियों की गर्दी को देखते हुए जा रही थी। प्लेटफार्म जैसे ही समाप्त हुआ उसी समय एक यात्री आ गया और कुछ कदम पीछे हट ही रही थी कि उसे अज्ञात व्यक्ति का धक्का लग गया और वह कल्याण की तरफ जाने वाली लोकल की चपेट में आ गई।
 
 इस हादसे में किशोरी को अपने दोनों पैर गंवाने पड़े है। गंभीर हालत में उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्ताल में समुचित व्यवस्था न होने से उसे निजी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी गई। मजबुरन उसके परिवार ने किशोरी को वर्तकनगर के स्पर्श अस्पताल में भर्ती कराया। उपचार के बाद अब उसकी स्थिती स्थिर है। बेटी के उपचार पर होने वाला खर्च अधिक है। ऐसे में परिवार ने लोगों से सहायता मांगी है। वहीं इसकी जानकारी होने पर भाजपा सांसद किरिट सोमैया ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है।  विज्ञान शाखा से शिक्षा ले रही किशोरी का भविष्य में डॉक्टर बनने का सपना है।

घटना के बाद जंहा 14 वर्षीय किशोरी रुणाली को स्पर्श अस्पताल में भर्ती कराया गया | वंही घटना के बाद पुलिस ने किशोरी का बयान तो ले लिया है लेकिन अभी तक रेलवे के तरफ से कोई भी मदद तो दूर कोई हाल जानने भी नही पंहुचा है | इस घटना के बाद गरीबी की मार झेल रही बच्ची अब लोगो के मदद के सहारे ही है |  
                   हाई कोर्ट के आदेशा अनुसार कोई भी यात्री जख्मी होने या गंभीर हालात में होने के बाद तुरंत उसे उपचार मिलना चाहिए | इसके बावजूद यात्रियों को समय पर उपचार नही मिलता जिसके कारण इस तरह जख्मी यात्रियों को अकसर पैर गंवाने पड़ते है | कई बार तो यात्रियों को गलती बताकर रेलवे मदद करने से इंकार कर देती है | लेकिन थाणे स्टेशन पर गर्दी के कारण जिस तरह इस बची को पैर गंवानी पड़ी है वह बहुत हि गंभीर है रेलवे प्रशासन को इस तरफ ध्यान देने के साथ ही बच्ची को हर संभव मदद करना चाहिए | 
                                समीर झवेरी .रेलवे एक्टिविस्ट 

  घटना की जानकारी होने के बाद शिवसेना ने इसे गंभीरता से लिया है मै खुद अस्पताल जाकर बच्ची से मिला हुआ घर वालो से मिला हु | बच्ची का अस्पताल का पूरा खर्च और आगे उसे डॉक्टर बनने सपना शिवसेना के तरफ से पूरा होगा | 
                              एकनाथ शिंदे ,पालकमंत्री ठाणे 

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट