प्रज्ञा फाउंडेशन की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, तेजी से गिर रहा विधायको की उपस्थिति का आंकड़ा

मुंबई । मुंबई के विधायकों के संबंध में प्रजा फाउंडेशन ने  अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि हमारे विधायकों का प्रदर्शन पिछले कुछ वर्षों से लगातार गिरता जा रहा है। मुंबई के विधायकों द्वारा प्राप्त औसत अंक 2016 में 65.11% से घटकर 2018  में 59.33% हो गये हैं।
 
आने वाले राज्य विधानसभा चुनावों की तैयारी करने के लिए मुंबई के निर्वाचित प्रतिनिधियों और नागरिकों के लिए इस वर्ष का रिपोर्ट कार्ड महत्वपूर्ण है रिपोर्ट में बताया गया है कि सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना के विधायकों के औसत अंक58% हैं। तुलनात्मक रूप से देखा जाएतो प्रजा फाउंडेशन द्वारा पिछली सरकार (INC-NCP) की जारी की गई रिपोर्ट में सत्तारूढ़ विधायकों के औसत अंक 62% थे प्रजा राज्य विधानसभा में हमारा प्रतिनिधित्व करनेवाले अपने विधायकों के प्रदर्शन पर विधिवत रूप से नज़र रख रहे हैं और उन्हें सरकार को सुशासन और बेहतर सेवायें प्रदान करने के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं इसी के तहत विधायकों की हमारे वार्षिक प्रदर्शन स्तरीकरण में हम उनकी विवेचनाओं, आपराधिक मामलोंलोगों की धारणा इत्यादि के आँकड़ों का विश्लेषण करते हैं। यह रिपोर्ट मुंबई के 32विधायकों के प्रदर्शन का विश्लेषण करती है।इससे पता चलताहै कि हालाँकि विधायकों के मौजूदा समूह ने 65.11% के औसत अंक के साथ शुरूआत की थीपरंतु इस वर्ष वे बहुत तेज़ी से गिरकर 59.33% पर पहुँच गए हैं।", प्रजा फाउंडेशन के निदेशक मिलिंद म्हस्के ने कहा।इस रिपोर्ट कार्ड ने विधानसभा में विधायकों की उपस्थिति का भी विश्लेषण कियाजो पिछले वर्ष की तुलना में 10.63% कम हो गई है। इसके अलावा, 2018 मेंमुंबई के 44% विधायकों (16विधायकों) के विरुद्ध चार्जशीट दायर हुई हैजो पिछले साल की तुलना में 8% अधिक है। इससे पता चलता है कि अपराध मुक्त राजनीति के नागरिकों का सपना बस सपना ही रह जायेगा।
      विधायकों की सात रिपोर्टों में मुंबई का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों द्वारा पूछे जाने वाले कुल प्रश्नों की संख्या 2011 के 7,946 से 11,049 से 9,188 से 10,435 से 4,343 से 6,199 से इस वर्ष 4,519 हो गई है साथ ही औसतनइस रिपोर्ट में भाजपा-शिवसेना के प्रशासनिक गठबंधन के विधायकों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न 115 हैं जबकि पिछले प्रशासनिक अवधि में INC-NCP के गठबंधन के विधायकों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न 123 थे।
    एक प्रतिनिधित्व वाली वेस्टमिन्स्टर-शैली वाले लोकतंत्र में,निर्वाचित प्रतिनिधियों का काम विधान सभा में लोगों की समस्याओं को उठाना और सरकार को शासन की गुणवत्ता और सेवाओं की कुशलता के लिए उत्तरदायी ठहराना है अब समय है कि हम लोग जो अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं, इन आँकड़ों पर नज़र डालें और अपने प्रतिनिधियों से उनके प्रदर्शन के बारे में सवाल पूछें। हमें यह समझने की जरूरत है कि वर्तमान प्रणाली और इसके सदस्य सामान्य अपेक्षित परिणाम जैसे की अच्छा शासन और कुशल सेवायें प्रदान करने की चाहत रखें ऐसा प्रजा फाउंडेशन के संस्थापक निताई मेहता ने कहा।

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