
सूचना का अधिकार के तहत सुइथा कला विकास खंड द्वारा नही दी जा रही है जानकारी
- संदीप मिश्र, ब्यूरो चीफ जौनपुर
- Sep 29, 2020
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6 आरटीआई में से एक का भी जबाब न दे सके विकास खंड सुइथा कला के अधिकारी
गांव के पहले व्हिसिल ब्लोवर बने दो नवयुवक
सुइथा कला (जौनपुर) : एक तरफ जहां पूरा देश सूचना का अधिकार का उपयोग कर भ्रष्टाचार को रोकने में कामयाबी के झंडे गाड़ रहा है वही खंड विकास सुइथा कला द्वारा मांगी गई जानकारी न देकर भ्रस्टाचारियों के संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। सभी एक दूसरे को निर्देशित कर अपना पीछा छुड़ा रहे हैं यही नही इस बाबत जब जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से शिकायत की गई तो उच्चाधिकारियों को भी गलत जबाब देकर उन्हें भी भ्रमित करने का कार्य कर रहे हैं।
ग्राम पंचायत मदारीपुर भेला में विकास कार्यों में आंकी गयी अनियमितता व भ्रस्टाचार को ध्यान में रखते हुए इसी गांव के निवासी दुर्गेश मिश्रा व इंदल कुमार जिन्हें गांव के पहले व्हिसिल ब्लोवर के रूप में जाना जाता है सूचना के अधिकार के तहत जून माह से ही जानकारी मांगी गई है जिनमे कई आवेदन तो द्वितीय अपील तक पहुंच चुके हैं लेकिन विकास खंड सुइथा कला द्वारा अब तक एक भी आरटीआई का जबाब नही दिया गया है। 30 दिनों के भीतर जबाब न देकर एक तो कानून को ठेंगा विकास खंड द्वारा दिखाया जा रहा है वही जबाब न देकर ऐसा प्रतीत होता है कि भ्रस्टाचारियों का अपरोक्ष रूप से समर्थन किया जा रहा है।
इस विषय मे जब विकास खंड अधिकारी आर डी यादव को संपर्क करने पर उन्होंने ए डी ओ पंचायत रमाशंकर सिंह को आरटीआई के जबाब के लिए जबाबदार बताया वहीं ए डी ओ पंचायत इस गंभीर नियम को ताक पर रखते हुए बोले कि ग्राम विकास अधिकारी को पूंछता हूं । वहीं दुबारा इनसे संपर्क करने पर इन्होंने कहा कि अब तक संपर्क नही हो सका है। ग्राम विकास अधिकारी राम बहादुर तो इन दो अधिकारियों से भी दो कदम आगे बढ़कर हैं जो जिले के उच्चाधिकारियों को भी गलत सूचनाएं भेजकर 90 दिन बाद यह जहमत उठाते है कि आरटीआई का जबाब तैयार है वही जब आख्या आवेदक को मिलती है और वह उन्हें मोबाइल पर संपर्क करता है तो उससे एक और सप्ताह का समय लेते है तथा कभी यह कहते हैं कि आपको रजिस्ट्री द्वारा भेजा जाएगा तथा इस तरह सूचनाएं देकर आवेदकों को भरमाने का काम विकास खंड के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है तथा सूचना का अधिकार कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
आवेदनकर्ता इंदल कुमार का कहना है कि सूचना का अधिकार हमारा मौलिक अधिकार है तथा हमे इससे कोई वंचित नही कर सकता तथा जरूरत पड़ी तो इस लापरवाही को लेकर ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ वह जिलाधिकारी समेत अन्य उच्चाधिकारियों से निवेदन करेंगे तथा बात न सुने जाने की दशा में आमरण उपोषण पर बैठकर उच्चाधिकारियों का ध्यान गांव के विकास के लिए तथा अधिकारियों की लापरवाही पर आकर्षित कराएंगे। वहीं इंदल का कहना यह भी है कि ऐसी सूचना मांग कर मैं प्रधान के निशाने पर हूँ तथा मेरे ऊपर प्रधान द्वारा हमला या अन्य क्षति कराई जा सकती है अतः यदि ऐसा कुछ होता है तो सीधे तौर पर मदारीपुर के ग्राम प्रधान इसके जबाबदार होंगे।
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