
संसार के सर्वश्रेष्ठ कर्म योग-यज्ञ से हो दिनचर्या की शुरुआत -संतराम
- राजेंद्र यादव, ब्यूरो चीफ, मध्यप्रदेश
- Oct 18, 2020
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छापीहेड़ा राजगढ़ ।। नगर के सरस्वती शिशु मंदिर प्रांगण पर संसार का सर्वश्रेष्ठ कर्म योग-यज्ञ नित्य प्रतिदिन नियमित करने सुश्री गिरिजा शर्मा द्वारा महिला योग कक्षा की शुरुआत हुई । कक्षा का शुभारंभ करते हैं पतंजलि जिला योग प्रचारक संतराम आर्य ने योग मे कहा सुख का मूल धर्म है,धर्मात्मा रहने के लिए भगवान राम,कृष्ण को मानने-पूजने से कहीं अधिक उनकी मानना चाहिए अर्थार्थ महापुरुष जैसे श्रेष्ठ आदर्शता की भारतीय वेदिक संस्कृति अपनानी चाहिए,चित्र की जगह चरित्र की पूजा हो । आजकल पाश्चात्य करण विदेशी हवा के दौर में राम कृष्ण की पूजा करने वाले भारतीय संस्कृति का अभिवादन तक भूल गए रामायण,महाभारत का हवाला देते हुए आर्य ने अभिवादन मात्र नमस्ते बताया,परंतु आज लोग भटके हुए हैं सत्य से असत्य की ओर धर्म से अधर्म की ओर । वर्तमान की समस्या से निजात पाने के लिए सत्य जानने मानने अधर्म से धर्म की ओर ज्ञान लेने स्वामी दयानंद सरस्वती जी का अमर ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक का स्वाध्याय करने की समझाइश दी हमें संसार का श्रेष्ठ काम जो योग यज्ञ है जिसे सबसे पहले प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में करना चाहिए तत्पश्चात बाकी अन्य कार्य तभी हम निरोगी सुखी जीवन जीएंगे उक्त अवसर पर पतंजलि जिला योग विस्तारक ओम प्रकाश जी खटीक योग शिक्षक भगवत सिंह जी परमार ने भी योग की जानकारियां साझा की ।कक्षा में गिरजा शर्मा का सहयोगी रहेगी शोभा गुप्ता,शरदा शर्मा,सीमा सोनी,शीतल गुप्ता आदि बहने उत्साह से योग सहयोग करेंगी ।
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