गणेश विसर्जन में मुस्लिम अधिकारी की पहल, शहर में गूंजा सौहार्द का संदेश

 कामतघर घाट पर शार्किब खर्बे की तत्परता बनी गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल

भिवंडी।‌ गणेशोत्सव के दौरान शहर में विभिन्न तालाबों और घाटों पर प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्था की निगरानी हेतु आपातकालीन विभाग प्रमुख शार्किब खर्बे अपनी टीम के साथ सोमवार 1 अगस्त को निरीक्षण दौरे पर निकले थे। निरीक्षण के दौरान कामतघर तालाब घाट पर एक अनोखी घटना घटी, जिसने पूरे शहर में भाईचारे का संदेश फैला दिया।

दरअसल, कामतघर घाट पर राजन मिश्रा का परिवार 6 वें दिन अपनी पाँच दिवसीय गणपति प्रतिमा के विसर्जन हेतु पहुँचा था। लेकिन घाट पर उस समय कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था, जिससे परिवार असमंजस में पड़ गया। धार्मिक भावना से जुड़े होने के कारण परिवार तत्काल प्रतिमा विसर्जन करना चाहता को देखते हुए आपात विभाग प्रमुख शार्किब खर्बे ने पहले परिवार को समझाने का प्रयास किया कि प्रशासनिक व्यवस्थाओं के बिना विसर्जन करना उचित नहीं है। मगर भक्त अपनी आस्था पर अड़े रहे। हालात को बिगड़ने से रोकने और श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करने के लिए खर्बे ने तत्परता दिखाते हुए स्वयं जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने अपनी टीम के साथ, जिसमें छोटू पाटिल और अन्य एक कर्मचारी शामिल थे, विधिवत रूप से गणेश प्रतिमा का विसर्जन कराया। यह कदम इसलिए खास बन गया क्योंकि शार्किब खर्बे मुस्लिम समुदाय से आते हैं और उन्होंने गणेश भक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हुए धर्म से ऊपर उठकर यह जिम्मेदारी निभाई।

इस घटना ने शहर में सौहार्द का नया संदेश दिया। नागरिकों का कहना है कि खर्बे की पहल ने गंगा-जमुनी तहज़ीब का उदाहरण प्रस्तुत किया है। आज जब समाज में अक्सर धर्म और समुदाय के नाम पर खाई पैदा करने की कोशिश की जाती है, ऐसे समय में इस तरह का कदम न केवल प्रेरणादायी है, बल्कि सामाजिक एकता का प्रमाण भी है।लोगों ने शार्किब खर्बे और उनकी टीम की इस सराहनीय कार्यवाही की प्रशंसा की है। यह घटना साबित करती है कि सच्ची सेवा वही है, जिसमें धर्म और जाति से ऊपर उठकर इंसानियत और जनभावनाओं का सम्मान किया जाए।

रिपोर्टर

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