भ्रष्टाचार के खेल में क्या सभी हैं सहयोगी ? कौन सा चश्मा लगाने से भ्रष्टाचार नही दिख रहा?

सुइथाकला, जौनपुर।

जौनपुर जिले के सुइथाकला ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत मदारीपुर भेला में स्वच्छ भारत मिशन के तहत सामुदायिक शौचालय के निर्माण का कार्य चल रहा है । जिस स्थल पर यह निर्माण कार्य चल रहा है वहीं पड़ोस के रहने वाले इंदल कुमार पुत्र बखेडू का यह आरोप है कि ग्राम प्रधान अजय कुमार द्वारा शौचालय के निर्माण में घटिया गुणवत्ता के ईट व बालू का प्रयोग किया जा रहा है ।


इस संबंध में जनहित को ध्यान में रखते हुए इंदल कुमार ने खंड विकास अधिकारी व तहसील दिवस अधिकारी को अपना प्रार्थना पत्र दिया किन्तु किसी भी अधिकारी ने इस पर संज्ञान नहीं लिया । काफी निवेदन करने पर ग्राम सचिव रामबहादुर व सहायक विकास अधिकारी रमाशंकर सिंह ने मौके का निरीक्षण किया और प्रधान को ऐसा करने से मना किया किन्तु दूसरे दिन पुनः ग्राम प्रधान उसी मैटेरियल से निर्माण कार्य करवाने लगे । आरोपी ने  पुनः ग्राम सचिव व सहायक विकास अधिकारी को फोन किया ।सहायक विकास अधिकारी द्वारा बताया गया कि आप मौके का वीडियो बनाकर भेजिये किंतु जैसे ही इंदल कुमार ने मौके का वीडियो बनाना चाहा ग्राम प्रधान ने उन्हें धक्का देकर भगा दिया तथा धमकी दिया कि  शौचालय निर्माण के पास दिखाई पड़े तो ठीक नहीं होगा। 

खुद को असहाय पाकर  इंदल कुमार ने सहायता हेतु 112 नंबर डायल किया किन्तु आश्चर्य है कि 112 नंबर से आई पुलिस ने मौके का मुआइना तक नहीं किया और इंदर कुमार से कहा कि आप 500 मीटर दूर से वीडियो बनाइए । इसके बाद वह उन वापस चले गए। 

इंदल कुमार का प्रशासन से प्रश्न है कि क्या कोई ग्रामीण जनहित में चल रहे कार्यों का निरीक्षण नहीं कर सकता या वहाँ चल रहे कार्यों का वीडियो नहीं बना सकता। क्या यही प्रजातंत्र है ? निश्चित ही यह तानाशाही तंत्र है। जनहित के कार्यो में यदि गुणवत्ता के साथ खेल खेला जाता है तो यह निंदनीय है और इसका विरोध हर कीमत पर किया जाएगा। यदि प्रशासन इसे संज्ञान में नहीं लेता है तो उपोषण ही उनके पास अंतिम विकल्प रहेगा ।

रिपोर्टर

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