कायस्थ समाज मैं उगते हुए सूरज कुलदीप श्रीवास्तव के बढ़ते हुए कदम

झारखंड के गिरिडीह की पावन भूमि पर पैदा हुए पिता श्री दिनेश श्रीवास्तव एवं माता प्रेमा श्रीवास्तव जो एक कवित्री एवं लेखिका भी है पिता  श्री  दिनेश श्रीवास्तव सरकारी स्कूल में टीचर  है इनसे उत्पन्न कायस्थ समाज के कुलदीपक श्री कुलदीप श्रीवास्तव जो बचपन से ही साहित्य एवं कला में प्रवीण है जिन्होंने भोजपुरी फिल्म मैं भी काम किया है यहां तक की मलेशिया में कुछ शॉर्ट फिल्मों में रोल किया है यहां तक की इनकी विक्की इंडिया इवेंट जो ऑनलाइन देश विदेश मैं बच्चों एवं युवाओं को मंच पर ले आएगा गोपाल जी जिनको यंग साइंटिस्ट का दर्जा मिला है यहां तक की नासा ने भी इनको अपने यहां बुलाया है यह भी विकी इंडिया के माध्यम से बच्चों को साइंस के बारे में यहां तक रिसर्च ओं के बारे में जानकारी देंगे जिससे अपना देश साइंस के क्षेत्र में विकसित देशों में इसकी भूमिका भी हो जाए अर्थात विकसित देशों में इसकी भी गणना होने लगे गोपाल जी को विदेश में भी बुलाया जाता है लेकिन इनकी सोच बहुत ही उत्तम है यह केवल अपने देश के लिए ही कुछ करना चाहते हैं तथा विकी इंडिया के माध्यम से जया जी भी क्लासिकल म्यूजिक तथा वाद्य यंत्रों के बारे में विस्तृत सिखाएं गी जया जी लखनऊ की रहने वाली जो सुरताल संगम की प्रवृत्ति का है सुरताल संगम का प्रचार एवं प्रसार देश में ही नहीं विदेशों में भी चल रहा है। इस स्टेज के माध्यम से संगीत की दुनिया मैं बहुत लोग आगे बढ़ गए हैं आपको बहुत सारे अवार्ड से विभूषित किया गया है यहां तक कि दूरदर्शन और कई टीवी शो में जैसे लिटिल चैंप्स सारेगामापा में जज के रूप में आई हैं आप कायस्थ समाज के लिए एक प्रकार से प्रेरणा स्रोत भी हैं जलोटा जी जिनको भजन का सम्राट कहा जाता है उनके भी साथ कई भजनों को गाया है मैंने जब कुलदीप जी से पूछा कि आपके अंदर यह कला कब से है तो उन्होंने कहा बचपन से जिसमें मेरे माता-पिता का पूर्ण सहयोग है सही भी है बिना माता-पिता का कोई भी कार्य संभव नहीं है का दर्जा भगवान से भी बढ़कर मैं जगन राज कनक ठाकुर उदय प्रताप श्रीवास्तव अपने क्राइम कंट्रोल टीम द्वारा आपको तथा आपके साथ गोपाल जी जया जी को साधुवाद देते हुए आप लोगों की सोच को सलाम करते हैं जय हिंद शेष जानकारी अगले अंक में.................।।।।।

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