गाँवों में खेल के मैदान व व्यायाम स्थल को मनरेगा के तहत विकसित करे सरकार
- संदीप मिश्र, ब्यूरो चीफ जौनपुर
- Jan 25, 2021
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भगासा, जौनपुर।
ग्रामीण युवाओं की खेलकूद में रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से सुइथाकला विकास खण्ड के (अहियाई) भगासा ग्राम सभा में सत्यदेव दुबे और इंदर दुबे उर्फ सिंटू के नेतृत्व में क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया जिसमें ग्राम सभा के प्रधान सोनू सिंह ने फीता काटकर क्रिकेट मैच का उद्धाटन कर खिलाड़ियों के उत्साह को बढ़ाने का कार्य किया।
इंदर दुबे एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं । उन्होंने वार्ता के दौरान अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि सुइथाकला विकास खण्ड के दो-तीन गाँवों जिसमें मनरेगा के तहत पार्क,व्यायाम स्थल, या खेल के मैदान बने हैं,को छोड़कर किसी भी गाँव में अभी तक की सरकारों द्वारा खेलकूद व व्यायाम के लिये कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है , जबकि सभी गाँवों में मनरेगा के तहत मजदूरों को काम देकर यह व्यवस्था बनाई जा सकती है। चकबंदी में चरागाह और खेलकूद आदि के लिये जमीन की व्यवस्था बना दी गई है किंतु ज्यादातर जमीनें दबंग भू माफियाओं के कब्जे में है या उपयोग लायक स्थिति में नहीं हैं। जहाँ कहीं खाली भी है तो वहाँ अपने उपयोग के लिये मिट्टी निकालकर लोगों ने उसे गड्ढा बना दिया है। गाँव के कुछ जागरूक युवा थोड़ी बहुत ग्राम सभा की समतल व ऊँची नीची जमीन के टुकड़े पर खेलों का आयोजन करने के साथ खेलों के प्रति लोगों का झुकाव बनाए रखने का प्रयास करते हैं।ऐसे उत्साही युवा भी धन्यवाद के पात्र हैं।
इंदर दुबे जी ने बातचीत को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के स्वास्थ्य के प्रति सरकारों द्वारा अनदेखी होती है । रामभरोसे ही इन लोगों का जीवन चलता है। बहुत से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति यह है कि यदि उनके सामने कोई बड़ा इलाज का खर्च आ जाए तो उसे उठाने में वो सक्षम नहीं है। यद्यपि काफी लोगों को आयुष्मान कार्ड मिला है किंतु बहुत से कार्ड धारक लोगों को कार्ड का उपयोग कैसे , कब, कहाँ करना है इसकी जानकारी ही नहीं रखते। ज्यादातर ग्रामीण लोग अपने किसानी कार्य में किये जाने वाले परिश्रम और खेलकूद में रुचि को लेकर अपने स्वास्थ्य को ठीक बनाए रखते हैं।इसके लिये भी वह सरकारों से ज्यादा भगवान के शुक्रगुजार होते हैं। ग्रामीण युवा खेलकूद और व्यायाम के प्रति सरकारों की लापरवाही से दुःखी तो रहते हैं लेकिन अपनी सामर्थ्य की तरफ ध्यान देकर मौन बैठ जाते हैं और अपनी महत्वाकांक्षाओं की तिलांजलि दे देते हैं। उन्होंने सरकारों से ग्रामीण क्षेत्र की इस पीड़ा को समझकर उसका समाधान करने की गुजारिश की और साथ ही साथ मीडिया को उनकी बात आगे पहुँचाने में मदद करने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस आयोजन में श्यामसुंदर,रोहित, आनंद शशिकांत,अनुभव ,आलोक आदि नवयुवकों का विशेष सहयोग है।
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