गर्भवती महिलाओ पर छा रहा संकट ? अब क्या होगा उनका

कल्याण ।। कोरोना महामारी के चलते जहां मुंबई जैसे शहरों से यूपी व बिहार जाने वाले लोगों का पलायन जारी हो गया है महाराष्ट्र के भी लोगों का पलायन अब शुरू हो गया है यहां निवास करने वाले ऐसे कितने ही महाराष्ट्र के कोल्हापुर, नाशिक, धुलिया व औरंगाबाद से लोग है जोकि रोजगार बंद होने के पश्चात अपने अपने गांव की तरफ धीरे-धीरे पलायन करने लगे हैं कोरोना की तेजी से बढ़ती लहर के चलते लोगों के अंदर अब भय का माहौल फैलता जा रहा है अब तक ना जाने कितनों ने इस बीमारी के चलते अपनी जान गवा दी है तो वही प्रसूति अस्पतालों के भी कोविड-19 अस्पताल बनने के कारण गर्भवती महिलाओं के लिए भी एक बड़ी मुसीबत सामने आती जा रही है ऐसे में गर्भवती महिलाएं कहा जाए यह विकराल समस्या उनके सामने निर्मित होते जा रही है ।

विदित हो कि मार्च से कोरोना मरीजो की संख्या में तेजी से इजाफा होता जा रहा है महाराष्ट्र के हर जिले में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी के साथ फैलती जा रही है तो वही कल्याण डोंबिवली शहर में भी मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है यहां पर अब तक मरीजों की सर्वाधिक संख्या 2500 तक पाई जा चुकी है जिसके पश्चात शहर में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित कर दिया गया ऐसे में कपड़े, जूते व मोबाइल जैसे अन्य दुकानों पर पाबंदी लगा दी गई तो वही सलून, स्पा
और थियेटरों को भी बंद कर दिया जिसके कारण वहां पर काम करने वाले लोगों पर बेरोजगारी व भुखमरी का संकट गहराने लगा पिछले वर्ष की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अब लोग धीरे-धीरे अपने गांव की तरफ पलायन करने लगे जिनमें सबसे अधिक बिहार व यूपी के लोग सम्मिलित है तो वही महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सातारा, नागपुर, औरंगाबाद, धूलिया व सोलापुर जैसे ग्रामीण भागों में रहने वाले लोग भी अब मुंबई व कल्याण शहरों से पलायन करने लगे हैं उनका कहना है की यहां पर रह कर हम क्या करेंगे अपने गांव पहुंच गए तो वहां भूख से तो नहीं मरेंगे ।

वहीं दूसरी तरफ कोरोना मरीजों की संख्या इस कदर बढ़ती जा रही है कि कल्याण डोंबिवली में कोविड-19 के अस्पताल भर गए है कितने ही ऐसे मरीज हैं जोकि अस्पतालों की बाट जोह रहे हैं महानगरपालिका अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं परंतु उन्हें अपने परिजनों को भर्ती कराने के लिए जगह ही नहीं मिल रही है सिर्फ यही नहीं यहां के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भी काफी कमी पाई गई है वहीं दूसरी तरफ गर्भवती महिलाओं की बात की जाए तो उनके सामने भी एक बहुत बड़ी समस्या खड़ी होती जा रही है आज के वर्तमान समय में ऐसे कितने ही प्रसव अस्पताल हैं जोकि कोरोना सेंटर में तब्दील होते जा रहे हैं जिनके कारण अब तक वहां इलाज करवाने वाली गर्भवती महिलाओं को आगे इलाज करवाना सम्भव नही रह गया है एक गर्भवती महिला के पति ने कहा कि वे अपनी पत्नी के प्रसव समस्या को लेकर काफी चिंतित है आखिरकार वे जाए तो जाए कहा सभी अस्पतालों में कोरोना के मरीज है ।

दूसरी तरफ कोरोना की इस लहर ने बच्चों को भी अपने चपेट में लेना शुरू कर दिया है तो वही एक 90 वर्षीय बूढ़ी दादी को कोविड अस्पताल में भर्ती कराने के लिए बेटा दर दर के चक्कर लगा रहा है पर उसे कही भी अस्पताल नही मिल रहा इस समय की स्थिति को देखते हुए अब हमें भी सावधान होने की सख्त जरूरत आन पड़ी है अगर अभी भी इसी तरह लापरवाही बरती जाती रहीं तो इस बीमारी से पीछा छुड़ाना नामुमकिन हो जाएगा और कुछ ही समय में यह बीमारी पूरे भारत को अपनी चपेट में जकड़ कहर बरपाने लगेगी कोरोना बीमारी से लड़ने के लिए महानगर पालिका लाख उपाय कर रही है परंतु उसकी कोशिश को लोगो द्वारा महत्त्व नही दिया जा रहा हैं जिसके कारण मनपा भी लाचार होती जा रही है उसकी सारी योजनाएं धरी की धरी रह जा रही है अगर कोरोना से जंग जितना है तो मनपा द्वारा जारी गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करना ही होगा ।

रिपोर्टर

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