अमीरों के लिए बुलट ट्रेन पर गरीबों को बैठने के लिए सीट भी नसीब नहीं - पारसनाथ तिवारी

मुंबई ।। यात्री सेवा सुविधा संघटना के संस्थापक अध्यक्ष,वरिष्ठ समाजसेवी और महाराष्ट्र राकांपा नेता पारस नाथ तिवारी ने पीएम मोदी से अपील की है कि वे मुंबई से यूपी, बिहार जानेवाले लोगों की कष्टमय रेल यात्रा को सुगम बनायें। तिवारी ने प्रधानमंत्री और रेलमंत्री को पत्र लिखकर मुंबई से उत्तर भारत की तरफ जाने वाली गाड़ियों में हो रही भीड़ की तरफ आकर्षित करते हुए कहा कि एक ओर मोदी सरकार धनवानों के लिए बुलट ट्रेन चलाने जा रही है़ और वहीं वर्षो से लंबी दूरी की गाडियों में गरीबों को पैसा देने  के बाद भी बैठने के लिए सीट उपलब्ध नहीं करा पा रही है़। मुंबई महाराष्ट्र में चुनाव के समय अपनापन दिखाकर वोट मांगने वाले उत्तरभारत के नेता भी गरीब रेलयात्रियों की समस्य़ा से मुँह मोड़ लेते हैं

आज एक बयान में तिवारी ने कहाकि मुंबई से उत्तर प्रदेश और बिहार जानेवाले  यात्री वर्षो से असुविधा  का सामना कर रहे हैं। यूपी, बिहार ने बड़ी उम्मीदों से मोदी को प्रचंड समर्थन दिया है।  अब मोदी जी को कम से कम मुंबई से यूपी, बिहार की यात्रा को सुगम बना देना चाहिए, ताकि इस रुट पर यात्रा करने वाले  मजदूर वर्ग के  लोगों के जीवन में कुछ बेहतरी आये और लोग मोदी को याद  करें। उन्होंने कहाकि मोदी इस समय सर्वशक्तिमान नेता हैं । यदि वे चाहें तो यहाँ के यात्रियों की समस्या को आसानी से हल कर सकते हैं। 

तिवारी ने कहाकि इस समय अलग अलग कारणों से बड़ी संख्या में लोग यूपी बिहार जाना चाहते हैं, लेकिन ट्रेनों की कमी के कारण लोगों का बुरा हाल  है। बुकिंग केंद्रों पर तत्काल  टिकटों की जमकर कालाबाजारी हो रही  है। सरकार को चाहिए कि वह इन केंद्रों पर ख़ुफ़िया नजर रखे और टिकटों की कालाबाजारी करनेवाले दलालों ,क्लर्कों और आरपीएफ के सिंडीकेट को बेनकाब करे । 

उन्होंने कहाकि चुनाव के समय जो उत्तरभारतीय नेता उत्तरभारतीयों को रिझाने मुंबई आते हैं,उन्हें भी इस समय अपना दायित्व निभाना चाहिये। उन्होंने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और सभी दलों के नेताओं से उत्तरभारतीओं की रेल समस्या  को हल करने की अपील की है। 

बतादें कि कोरोना महामारी के चलते मुंबई से एक बार फिर प्रवासी मजदूर का पलायन शुरू हो गया है। लॉकडाउन के कारण  प्रवासी मजदूर मुंबई छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। मुंबई के कुर्ला में लोकमान्य तिलक टर्मिनस में प्रवासी मजदूरों की काफी भीड़ देखी गई, जिसके बाद वहां अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। लोगों की भीड़ रोकने के लिए पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ रहा है। वहीं रेलवे ने लोगों को आशंकित ना होने के लिए कहा है।

महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना मामले और लॉकडाउन  के चलते एक बार फिर से लोग  घर वापस जा रहे हैं। लोगों को एक बार फिर पिछली बार की तरह कमाने-खाने की चिंता हो रही है। यही कारण है कि अपने गांव जाने के लिए लोग रेलवे स्टेशनों के बाहर डेरा डाले हुए  हैं। वहीं कई मजदूर बसों के जरिए भी अपने राज्यों के लिए निकल पड़े हैं। स्टेशनों पर हो रही भारी भीड़ को लेकर मध्य रेलवे के सीपीआरओ ने बयान जारी किया है।

मध्य रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, लोकमान्य तिलक टर्मिनस, कुर्ला में यह भीड़ कुछ बहुत ही असामान्य नहीं है। हर साल गर्मियों में इस तरह की भीड़ होती है। लोकमान्य तिलक टर्मिनस से रोज कई  गाड़ियां प्रस्थान कर रहीं हैं, इसलिए विशेष ट्रेनों और रूटीन ट्रेनों को देखते हुए, यह भीड़ आम तौर पर गर्मियों के मौसम की भीड़ है। घबराने की जरूरत नहीं।

मगर सूत्रों की माने तो राज्य सरकार द्वारा इस माह की शुरुआत में कोविड-19 को लेकर नई पाबंदियां लगाने के बाद से ही बाहर जाने वाली रेलगाड़ियों में भीड़ बढ़ गई है। लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर तैनात मध्य रेलवे के एक कर्मचारी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से मुंबई में स्टेशन पर यात्रियों की तादाद में काफी वृद्धि हुई है। वहीं रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाहर और खासकर उत्तर भारत जाने वाली रेलगाड़ियों में ज्यादा भीड़ गर्मी के मौसम वजह है, इस मौसम में लोग शादी-विवाह या अन्य वजहों से अपने घर जाते हैं।

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