
ग्रामीण विकास की पोल खोलते बरसात से जलमग्न रास्ते व कोरोनाकाल में किसान के हालात
- संदीप मिश्र, ब्यूरो चीफ जौनपुर
- Jun 23, 2021
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सुइथाकला , जौनपुर।
जौनपुर जनपद के सुइथाकला विकास खण्ड के अधिकतर गाँवों में बने रास्ते थोड़ी सी बारिश में जलमग्न हो जाते हैं जिससे आम जनता को बड़ी समस्या का सामना करना होता है जबकि e-gramswaraj ऐप पर गाँवो के विकास में खर्च हुए सरकारी धन के आँकड़े विकास की चरम सीमा को छूते नजर आते हैं। ऐसा लगता है कि बरसात में डूबे गड्ढों से भरे रास्तों पर चलना अब इनकी नियति हो गई है।
अगर कोई इन परिस्थितियों की भौतिक जाँच कराना चाहे तो सरकारी तंत्र उसमें लंबी हीलाहवाली करते हैं और आवेदक स्वतः टूट जाता है।
18मई 2021 के आसपास के समय से लगभग बारिश के असमय होने से ऐसे हालात हो गए हैं कि विकास खण्ड के 90 प्रतिशत किसान मक्का, अरहर , उड़द,तिल आदि फसलों की बुवाई तक नहीं कर सके हैं और न तो धान की रोपाई हेतु उसकी बेरन तैयार कर सके हैं। कोरोना महामारी ने व्यवसाय को भी उजाड़ रखा है। ऐसे में किसान मजदूर परिवार गम्भीर समस्या का सामना करने को मजबूर है । जिन घरों में खाने तक कि लाचारी है उन घरों के लोग कोरोना काल में मेडिकल खर्च को कैसे झेल सकेंगे ? सरकार के आयुष्मान कार्ड बनने के हालात ऐसे हैं कि बहुत से पात्र लोगों को यह उपलब्ध नहीं है जबकि धूप, बरसात और ठंढक़ झेलकर देश का पेट भरने वाले किसान इसके पात्र तो हैं ही। निश्चित ही सरकारी तंत्र ने इसे पात्र लोगों तक न पहुँचाकर इस योजना को पलीता लगाने का काम किया है।
सरकार को ग्रामीण विकास का उच्च अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन करवाना चाहिये जिससे उसे विकास हेतु भेजे गए धन की वास्तविक सच्चाई का पता चल सके और देश के पात्र लोगों के साथ न्याय हो सके।।
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