
महाराष्ट्र शासन की जमीन पर भिवंडी ग्रुप कार्यकारी सेवा सहकारी समिति ने कब्जा कर बना दिया दर्जनों दुकान, अवैध रूप से बनी दुकानों पर करें मनपा प्रशासन कार्रवाई
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Aug 26, 2021
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भिवंडी।। भिवंडी शहर में अवैध इमारतों का निर्माण बदस्तूर जारी है. बिल्डर व रिश्वतखोर मनपा अधिकारियों के सांठगांठ से प्रत्येक प्रभाग समितियों के सीमा अंर्तगत बिल्डर,भूमाफियां ने आतंक मचा कर रखा हुआ है.गल्ली, मोहल्ला सहित मुख्य सड़कों के किनारे बेखौफ होकर बिल्डर अवैध रूप से बहुमंजिला इमारतें का निर्माण करते दिखाई पड़ रहे है.जिसे देखकर मनपा उपायुक्त (अतिक्रमण) दीपक झिजाड़ सहित सहायक आयुक्त व शहर विकास विभाग अधिकारी अनदेखा कर देते है।
भिवंडी कांग्रेस पार्टी के नगरसेवक सिद्धेश्वर कामूर्ति ने मनपा प्रशासन के अधिकारियों पर भष्ट्राचार का गंभीर आरोप लगाते हुए राज्य के राजस्व (महसूल) मंत्री को पत्र देकर मांग किया है कि प्रभाग समिति क्रमांक तीन अंर्तगत पदमा नगर के मुख्य बाजार में भिवंडी ग्रुप कार्यकारी सेवा सहकारी समिति ने सरकारी जमीन को कब्जा करते हुए अवैध रुप से आरसीसी तल व एक मंजिला रुपी 67 दुकानें का निर्माण किया है। जिसे ध्वस्त कर जमीन खाली करवाने की मांग नगरसेवक कामूर्ति ने की है।
निवेदन पत्र के अनुसार भिवंडी मनपा सीमांत अंर्तगत स्थित कामतघर गांव के सर्वे नंबर 42/अ/3 के 60 गुंठा जमीन सोसाइटी को दी गयी थी.उक्त जमीन पर धान मिल, गोदाम व सोसायटी का कार्यालय था। जिसका फायदा किसानों को मिल रहा था। सोसाइटी के सभापति कमलाकर टावरे ने लगभग 15 वर्ष पूर्व धान मिल व गोदाम को बंद कर दिया और गोदाम को गाला ( दुकान) बनाकर भाड़े पट्टे नुसार दे दिया था.भिवंडी मनपा प्रशासन ने सड़क चौड़ीकरण व आरसीसी सड़क निर्माण के दरमियान दुकानों का आधा हिस्सा तोड़ दिया। इसी का फायदा उठाते हुए घर क्रमांक 171,172,173 व 185 पर तल अधिक एक मंजिल अवैध इमारत निर्माण करते हुए 67 दुकानें बना दी.जो 20 हजार प्रति वर्ग फुट बेचकर लगभग 50-60 लाख करोड़ रुपये की हेराफेरा करने का आरोप नगरसेवक सिद्धेश्वर कामूर्ति ने लगाया है।
वही पर कहा कि सड़क चौड़ीकरण के बाद भी इन दुकानों के कारण दररोज यातायात बाधित होता है.जिसके कारण नागरिकों को काफी परेशानियां उठानी पड़ती है. इसके साथ ही कर मूल्यांकन विभाग ने घर क्रमांक 185 को शास्त्री दर प्रमाणे असिस्मेंट कर दिया गया है जिसमें में भारी भष्ट्राचार हुआ है। मनपा आयुक्त सहित महसूल मंत्री दिये गये पत्र में नगरसेवक कामूर्ति ने मांग किया है कि अवैध बांधकाम धारक कमलाकर टावरे के खिलाफ एम आरटीपी अंर्तगत स्थानीय पुलिस स्टेशन में फौजदारी का मामला दर्ज करवाकर उक्त सभी दुकानों की कर आकारणी रद्द किया जाये.अगर मनपा प्रशासन कार्रवाई नहीं करती तो मनपा प्रशासन के खिलाफ उच्च न्यायालय मुंबई में जनहित याचिका दाखल करने की धमकी भी दी है।
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