लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार दोषियों पर 15 दिनों में नही हुई कार्यवाई तो एनसीपी के यह पदाधिकारी करेंगे आत्मदाह

मुंबई ।। लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार सरकार द्वारा सुनियोजित नरसंहार है और यह किसी भी मामले में जलियाँवाला बाग नरसंहार से कम नहीं है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार इस दुर्भाग्यजनक घटना पर खेद व्यक्त कर चुके हैं और इसकी निन्दा कर चुके हैं। उनका कहना है कि सरकार किसानों पर कितना भी जुल्म कर ले, वो उनकी आवाज को नहीं दबा पायेगी। एन.सी.पी. की माँग है की आज से 15 दिन के अन्दर दोषियों को गिरफ्तार कर न्याय की प्रक्रिया को प्रारम्भ नहीं किया गया तो राष्ट्रीय महासचिव के0के0 शर्मा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर यादव, कोऑर्डिनेटर पारसनाथ तिवारी, प्रदेश महासचिव अब्दुल बासित लखनऊ विधानसभा के सामने लोक भवन पर आत्मदाह करेगे ।

आज देष का अन्नदाता, मेहनतकष किसान काफी डरा हुआ है। यह वही महान देश भारत है जो कृषि प्रधान देश कहलाता है और जहाँ का किसान दुःखी है। लखीमपुर खीरी नरसंहार इसका जीता जागता उदाहरण है। 

नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार को किसानों की काफी चिन्ता है। उनके द्वारा किसानों के हित में अनेक कार्य किए गए। केन्द्रीय कृषि मंत्री रहते उन्होंने किसानों के 70,000 करोड़ रूप्ए माफ किए थे। उन्होंने किसानों के हित में आयात-निर्यात से सम्बन्धित भी कई साहसिक फैसले लिए थे। 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ आखिरी दम तक रहेगी। किसी भी व्यक्ति या किसान का जीवन अमूल्य है। लखीमपुर खीरी में जिन 4 किसानों का नरसंहार हुआ है, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगी, तब तक एन.सी.पी. उनके हित में लड़ाई लड़ती रहेगी और किसानों को न्याय दिलाकर ही दम लेगी। हमारी सोच है कि किसी के जीवन का मूल्य 45 लाख या 50 लाख रूप्ए नहीं हो सकता, जीवन अमूल्य है। हमने स्वयं अपने प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ जाकर दिनांक 4 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी का दौरा किया था और वहाँ की स्थिति का ऑँकलन किया था जिससे आहत होकर 15 दिनों में इंसाफ ना मिलने पर एन सी पी के पदाधिकारियों ने आत्मदाह करने का निर्णय लिया है ।

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