पीएम आवास योजना में गड़बड़झाला जांच करने पहुंची जिला अस्तरीय टीम जांच टीम भी संदेह के घेरे में


मोहनिया कैमूर ।। मोहनिया प्रखंड के बेलौड़ी पंचायत में वार्ड सदस्य की शिकायत पर स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास की जांच करने पहुंची टीम ही सवालों के घेरो में घिर गई, जांच करने पहुंची टीम शिकायतकर्ता से संपर्क करने के बजाए आनन फानन में आरोपी के साथ ही चंद जगहों की जांच कर वापस लौट गई।जांच टीम से असंतुष्ट ग्रामीणों ने जांच कर्ता पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया।

यहां बता दे कि मोहानिया प्रखण्ड के बेलौंडी पंचायत में फर्जी तरीके  से बने एव चयनित पीएम आवास योजना में व्यापक पैमाने पर धांधली का आरोप लगा कर वार्ड सदस्य विवेक कुमार सिंहा द्वारा इसकी शिकायत डीडीसी कैमूर  कुमार गौरव से की थी।शिकायत कर्ता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए डीडीसी ने इसकी जांच  वरीय उप समाहर्ता अंजलिका कृति और प्रधानमंत्री आवास योजना के एमआईएस सुधीर कुमार पांडेय को दी थी,जिसके आलोक में दोनो पदाधिकारी उक्त पंचायत में जांच करने तो ज़रूर पहुंचे।लेकिन साथ मे शिकायतकर्ता से संपर्क करने या साथ लेने की ज़रूरत नही समझी।जबकि शिकायतकर्ता ने आवेदन में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया था और बताया था की किस प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना में अपात्र वैसे लोगो का चयन किया गया जो भूस्वामी, दो चक्का से लेकर चार चक्का वाहन के स्वामी तथा पहले से पक्का उक्त मकान व अन्य सुविधा का लाभ ले रहे है। शिकायतकर्ता ने इंदिरा आवास सहायक पर उंगली उठाई थी,जांचकर्ता अधिकरियों ने शिकायत करने वाले के साथ न जांच कर आरोपित सहायक के साथ जांच करने पहुंचे। बताया जाता है कि आवास सहायक अपने चहेतों के यहां जांच टीम को घुमा कर  वापस ले गए। जो प्रश्नों के घेरे में है। इस संबंध में शिकायतकर्ता वार्ड सदस्य ने बताया कि उक्त अधिकारी लोगो ने जांच पूर्व टेलीफोन पर आने और साथ रहने की बात कही थी,लेकिन न जाने कब किसके साथ जांच कर लौट गए इसकी जानकारी नही है।वार्ड सदस्य ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना जरूर प्राप्त हुई के कोई अधिकरी लोग जांच करने आए है साथ मे इंदिरा आवास सहायक भी है।

प्रश्न यह उठता है इतने बड़े व्यापक पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया गया लेकिन ज़मीनी स्तर पर जांच न कर जांच टीम ही सवालों के घेरो में है।इस संबंध में ग्रामीणों के बीच इस बात को ले कर खूब चर्चा है कि गरीबो का कोई पालनहार नही है।पैसा फेंकिये आवास बनवाइये। शिकायत करने पर मामले को धन प्यारे के बल पर इतिश्री कर लीजिए।बहरहाल देखना यह है कि क्या जांच टीम से लोगो को न्याय मिलता है या वही होगा जिसकी ग्रामीणों के बीच चर्चा है।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट