बीएमसी चुनाव मे वार्डों के आरक्षण से सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस पार्टी को

मुंबई।। बीएमसी चुनाव के लिए आरक्षण किये गये वार्डों पर जबरदस्त नाराजगी जताई जा रही है। बीएमसी चुनाव में वार्डों के आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने कहा इसलिए मौजूदा व्यवस्था कानून के अनुरूप नहीं है। हम अपनी कानूनी टीम सलाह लेंगे और फिर देखेंगे कि कोर्ट के सामने कैसे रखा जाए। महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन शिवसेना और कांग्रेस के बीच मुंबई नगर निकाय में वार्डों के आरक्षण के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को इस मामले को लेकर अदालत जाने की धमकी दे दी। कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा और रवि राजा ने कहा कि वह बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) की ओर से वार्डों के आरक्षण को लेकर लॉटरी सिस्टम के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख कर सकते हैं।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के पास फिलहाल 29 नगरसेवक हैं, जिनमें से 21 सीटों को आरक्षण में बदल दिया गया है। कांग्रेस के पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा कि वह अदालत जाने के पक्ष में हैं क्योंकि मुंबई में कांग्रेस के नुकसान होने का खतरा है। इस बीच, कांग्रेस नेता और पूर्व नगरसेवक, रवि राजा, जो बीएमसी में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं, ने आरोप लगाया कि बीएमसी प्रमुख इकबाल चहल ने मुंबई से कांग्रेस को खत्म करने के लिए एक बड़ा प्रयास किया है।

बीएमसी चीफ को ठहराया जिम्मेदार- राजा ने कहा, 'अनुचित लगता है कि यह सत्ताधारी पार्टी की योजना का हिस्सा है। इसके लिए चहल जिम्मेदार हैं और लॉटरी कांग्रेस पार्टी को खत्म करने का एक व्यवस्थित प्रयास है। उन्होंने कांग्रेस को खत्म करने के लिए सुपारी ली है।' राजा का खुद का वार्ड (182) महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। ऐसे में अब उनको चुनाव लड़ने के लिए एक नए वार्ड की तलाश करनी होगी। बीएमसी का चुनाव इस साल सितंबर-अक्टूबर के बीच में होगा। पिछले कई सालों से बीएमसी पर शिवसेना का कब्जा है।

राजा ने कहा कि बीएमसी ने लॉटरी प्रणाली का इस्तेमाल किया है जिसके तहत एक वार्ड जो पिछले चुनाव में आरक्षित नहीं था, उसे इस बार महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। उन्होने आगे कहा कि नियम कहता है कि सभी वार्डों को नए वार्ड के रूप में माना जाना चाहिए और सभी का नए सिरे से लॉटरी निकाली जानी चाहिए।

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