
प्रखंड परिसर को अतिक्रमण मुक्त कराने में पदाधिकारी दिख रहे असमर्थ
- आशुतोष कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ बिहार
- Jul 30, 2022
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जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भूषण तिवारी की रिपोर्ट
कैमूर ।। कुदरा प्रखंड परिसर में दो परिवारों द्वारा लगभग 40 वर्षों से अतिक्रमण किया गया है। इतने समय में अनेकों प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचल पदाधिकारी आए और गए, पर किसी के द्वारा भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, या जानबूझकर नहीं दिया जा रहा है, यह तो पदाधिकारी ही समझेंगे।एक अतिक्रमण कारी के परिवार के द्वारा दर्जनों की संख्या में बकरी और बत्तख पालकर प्रखंड परिसर में रखा गया है, और प्रखंड परिसर को ही चारागाह बनाया गया है। गुप्त सूचना के अनुसार इनके द्वारा प्रखंड परिसर में ही अवैध कार्य भी किया जाता है। दूसरे अतिक्रमण कारी के परिवार द्वारा प्रखंड परिसर में भैंस एवं गाय पाल कर रखी गई है, उनके द्वारा भी अक्सर गाय और भैंसों को यहीं पर चराया जाता है। जिससे कि प्रखंड व अंचल कार्यालय में कार्यरत कर्मी भी परेशान रहते हैं। पर पदाधिकारियों के समक्ष कुछ भी कहने में असमर्थ है। बिहार सरकार का निर्देश है कि आनाबाद सर्वसाधारण व आनाबाद बिहार सरकार की जमीन, हर हाल में अतिक्रमण मुक्त होना चाहिए,जगह जगह अतिक्रमण मुक्ति अभियान चल भी रहा है। पर यह कुदरा प्रखंड परिसर का दुर्भाग्य है, कि प्रखंड परिसर ही अतिक्रमण युक्त है। विगत 23 जून को वर्तमान अंचल पदाधिकारी पंकज कुमार द्वारा, अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए, यह सख्त निर्देश दिया गया था कि आज हर हाल में प्रखंड परिसर अतिक्रमण मुक्त हो जाना चाहिए। अतिक्रमण स्थल पर पहुंचकर कार्यवाही प्रारंभ भी किया गया था।जिससे अतिक्रमणकारी अपना सामान निकाल कर बाहर कर रहे थे। पर अभी तक प्रखंड परिसर अतिक्रमण मुक्त नहीं हो पाया। आखिर ऐसा कौन है जो इन अतिक्रमणकारियों का पक्षधर होकर प्रखंड परिसर को अतिक्रमण मुक्ती से रोक रहा है, यह तो पदाधिकारी ही समझेंगे। आखिर ऐसी कौन सी दबाव है जिसके वजह से अन्य जगहों में अतिक्रमण मुक्त अभियान चल रहा है, पर प्रखंड परिसर को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जा रहा है ऐसे स्थल पर पहुंचने के उपरांत यह देखने को मिला कि अतिक्रमण कारी गुंडे किस्म के हैं उनके द्वारा फोटो और वीडियो लेने से भी मना किया जा रहा था एवं फोटो और वीडियो डिलीट करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। स्थिति को देखने से यह प्रतीत होता है कि किसी लोभ या डर से पदाधिकारी प्रखंड परिसर को अतिक्रमण मुक्त कराने में असमर्थ हैं।
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