टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में अब ग्रामीण इलाकों में संचालित जीविका दीदियों की भूमिका होगी सुनिश्चित

- जीविका दीदियों को प्रशिक्षण के माध्यम से टीबी के लक्षणों की पहचान, इलाज व सुविधाओं की दी जाएगी जानकारी

- ग्रामीण इलाकों में जीविका समूह की दीदियों के माध्यम से टीबी के लक्षण वाले मरीजों को किया जाएगा चिह्नित

बक्सर ।। जिले में टीबी से निपटने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। टीबी मरीजों के इलाज के साथ लोगों को जागरूक करने के लिए भी अभियान संचालित है। ताकि, लोगों को टीबी के संबंध में जागरूक करते हुए उन्हें इलाज संबंधित जानकारी दी जा सके। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन अभियान को गति प्रदान करने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र ने नई तैयारी शुरू कर दी है। जिसके तहत अब टीबी उन्मूलन अभियान में जिले में संचालित जीविका समूह की सदस्यों यानि जीविका दीदियों की सहायता ली जाएगी। इसके लिए ग्रामीण व शहर इलाकों की जीविका समूह की दीदियों को चिह्नित करते हुए उनको प्रशिक्षित किया जाएगा। ताकि, उनके माध्यम से ग्रामीण व सुदूर इलाकों में टीबी के लक्षण वाले मरीजों को चिह्नित कर उनका इलाज सुनिश्चित किया जा सके। वहीं, जीविका दीदी अपने इलाके के टीबी चैंपियन को चिह्नित करते हुए उनके साथ समय समय पर जागरूकता अभियान भी चलाएंगी।

लोगों के बीच जीविका दीदियों की पहुंच अच्छी :

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह सीडीओ डॉ. अनिल भट्ट ने बताया कि इस अभियान का मुख्य मकसद यह है कि जीविका दीदियों के माध्यम से समूदाय में टीबी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़े। समुदाय के लोगों के बीच जीविका दीदियों की पहुंच अच्छी है। जिसका लाभ उन्हें राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में मिलेगा। वहीं, स्थानीय होने के कारण वो मरीजों को चिह्नित करने, उनके फॉलोअप और निगरानी की जिम्मदारी भी उठा सकेंगी। जिसको ध्यान में रखते हुए यह अभियान शुरू किया जाएगा। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित जाएगा। जिसमें उन्हें टीबी के संबंध में संपूर्ण जानकारी दी जाएगी। जिसमें टीबी के लक्षण, बचाव और सरकारी स्तर पर इससे निपटने के लिए विभिन्न सुविधाएं मसलन दवाइयों, निश्चय पोषण योजना के तहत राशि का भुगतान आदि के संबंध में भी बताया जाएगा। जो उनके द्वारा की जाने वाली मॉनिट्रिंग में सहायक होगी। उनके जरिये टीबी का प्रचार-प्रसार बढ़ेगा तो लोगों में इस बीमारी के प्रति जो छुआछूत की भावना भी खत्म होगी। साथ ही, लोग टीबी के बारे में जानेंगे, जिससे वो टीबी से बचने के तरीके भी अपनाएंगे।  

टीबी के लक्षणों की पहचान पर दिया जाएगा बल :

एसटीएलएस कुमार गौरव ने बताया कि प्रशिक्षण में जीविका दीदियों को टीबी के लक्षणों की पहचान पर बल दिया जाएगा। जिसमें बताया जाएगा कि यदि किसी व्यक्ति को लगातार दो हफ्ते या उससे ज्यादा समय तक खांसी, बलगम के साथ खून का आना, शाम को बुखार आना या वजन कम होना की शिकायत हो तो उसे तुरंत नजदीक के सरकारी अस्पताल में ले जाकर जांच कराने की सलाह दें। जीविका दीदियां लोगों को बताएंगी कि सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच और इलाज पूरी तरह मुफ्त है। लोगों को जागरूक कर ही टीबी बीमारी को समाज से मुक्त कर सकते हैं। टीबी के ज्यादा मामले घनी आबादी वाले इलाके में पाए जाते हैं। वहां पर गरीबी रहती है। लोगों को सही आहार नहीं मिल पाता और वह टीबी की चपेट में आ जाते हैं। इसलिए जीविका दीदियां लोगों को सही पोषण लेने के लिए भी जागरूक करेंगी।

रिपोर्टर

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