किताबी ज्ञान के साथ-साथ शिष्यों को संस्कारित करना भी शिक्षक का उत्तरदायित्व- राम आशीष वर्मा

सुईथाकला ।। भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा द्वितीय राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन  की जयंती पर श्रीमती  समला देवी जनकल्याण इंटरमीडिएट कॉलेज रुधौली के प्रधानाचार्य राम आशीष वर्मा ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

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प्रधानाचार्य ने कहा कि शिक्षकों का कार्य शिष्यों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ संस्कारित करना भी उनका सबसे बड़ा उत्तरदायित्व है।उन्होंने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि संस्कार के अभाव में मनुष्य की कल्पना नहीं की जा सकती क्योंकि संस्कार ही व्यक्ति को सच्चा इंसान बनाता है तथा संस्कार विहीन मनुष्य पशु के समान होता है ।आधुनिक युवा पीढ़ी पर पश्चिमी सभ्यता का प्रभाव पर उन्होंने चिंता व्यक्त की। उन्होंने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के आदर्शों पर चलने की बात कही। प्रधानाचार्य ने भारत देश की पहली महिला शिक्षिका मां सावित्री बाई फुले  और ज्योतिबा राव फुले द्वारा समाज के पिछड़े तबके के लोगों को शिक्षित और संस्कारित करने और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के योगदान को याद किया।छात्रों ने केक काटकर शिक्षक दिवस अत्यंत धूमधाम और उत्साह पूर्वक मनाया। इस अवसर पर शिक्षकगण राम सकल मौर्य ,राम चैन बिंद ,सुरेंद्रनाथ ,शिवनारायण यादव ,शालू निगम ,संदीप कुमार, छंगू गुप्ता , लालजी यादव वरिष्ठ लिपिक अरुण कुमार निषाद एवं समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।

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