सहयोग करने की बननी चाहिए परंपरा- आरपी सिंह


 जौनपुर सुईथाकला-  विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत श्री सूर्यपाल गंगा प्रसाद सिंह न्यू मॉडर्न पब्लिक स्कूल  ईशापुर 'अनमय बचाओ अभियान' में आगे आया।7 माह के बच्चे अनमय को बचाने व इलाज के लिए श्री सूर्यपाल गंगा प्रसाद सिंह पब्लिक स्कूल  आर्थिक सहायता के लिए आगे आया।विद्यालय के संरक्षक व तिलक स्मारक इंटर कॉलेज ईसापुर अमावाखुर्द के पूर्व प्रधानाचार्य आरपी सिंह  ने कहा कि यदि आप संकट के वक्त किसी की सहायता करते हैं तो लोग आप की भी सहायता करेंगे इसकी एक परंपरा बननी चाहिए।   उन्होंने कबीर दास के दोहे वृक्ष कबहुँ नहिं फल  भखै...... के द्वारा आम जनमानस को  मानवता का संदेश दिया कि मनुष्य को निस्वार्थ भाव से लोगों की सहायता करनी चाहिए क्योंकि वृक्ष अपने फल स्वयं कभी नहीं खाता,नदी अपना जल अपने लिए स्वयं एकत्रित नहीं करती बल्कि यह सभी दूसरों की भलाई के लिए होते हैं ठीक उसी प्रकार से मनुष्य को हमेशा दूसरों की भलाई के कार्य को कभी नहीं छोड़ना चाहिए।उन्होंने बताया कि दूधमुहें बच्चे की सहायता करने से समाज में एक संदेश जाएगा जिससे लोगों को परहित के कार्य के लिए प्रेरणा  प्राप्त होगी। श्री सिंह ने कहा कि कलयुग में किसी न किसी प्रकार से दान देने से ही कल्याण होता है जबकि कंजूस व्यक्ति का धन चोर -उचक्के ही छीन जाते हैं या  चुरा ले जाते हैं इसलिए ऐसे लोगों को भी परोपकार के कार्य में सहभागी बनना चाहिए। 

 आम जनमानस से परोपकार के इस महान कार्य में शामिल होकर आर्थिक सहयोग करने की अपील की। संरक्षक ने कहा कि शिशु ईश्वर का स्वरूप होता है। वह असहाय होता है इसलिए उसकी सहायता करनी चाहिए। श्रीरामचरितमानस की चौपाई 'परहित बस जिनके मन माही' का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि जिन लोगों में सच्चे परहित के कर्म करने की भावना होती है ईश्वर सदैव उसके मन,वाणी,कर्म में बसते हैं।जटायु द्वारा सीता माता के लिए किए गए परोपकार के कार्य का उदाहरण देते हुए कहा कि परहित का ही  प्रभाव है कि जटायु की मुक्ति के लिए भगवान राम स्वयं आए और उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दिया। श्रीसिंह ने कहा कि कलयुग में किसी न किसी प्रकार से दान देने से ही कल्याण होता है जबकि कंजूस व्यक्ति का धन चोर -उचक्के ही छीन जाते हैं या  चुरा ले जाते हैं इसलिए ऐसे लोगों को भी परोपकार के कार्य में सहभागी बनना चाहिए। 


 अनमय  के इलाज और जल्द से जल्द स्वस्थ होने के लिए विद्यालय परिवार और छात्र छात्राओं ने ईश्वर से प्रार्थना की।  यथासंभव अपनी सामर्थ्य के अनुसार सभी छात्रों ने सहयोग राशि विद्यालय के माध्यम से एकत्रित किया जिसमें प्रबंधक देवेश कुमार सिंह ने महत्वपूर्ण योगदान दिया । प्रबंधक ने बताया कि सोशल मीडिया पर परोपकार की मुहिम अत्यंत सराहनीय कार्य है। उन्होंने क्षेत्रीय लोगों से इस महा अभियान में शामिल होकर अधिक से अधिक बढ़ चढ़कर आर्थिक मदद करने की अपील की । उन्होंने कहा कि परोपकार मनुष्य के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग है इसके अभाव में मनुष्य जीवन  'बिना धड़ की शरीर'के समान है। इस मौके पर विद्यालय के अध्यापक गण छवि राज प्रजापति ,सुशील, प्रमोद, विनय पाठक ,आशा वर्मा ,जेबी सिंह ,रामजी ,कविता ,सुशीला, प्रेमशीला ,वीके सिंह, संजय सिंह आदि उपस्थित रहे।

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