भ्रष्टाचार के आरोपी पूर्व प्रधान अजय कुमार की डीएसओ करेंगे निष्पक्ष और पारदर्शी पूर्ण तरीके से जांच?
- संदीप मिश्र, ब्यूरो चीफ जौनपुर
- Sep 19, 2022
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जौनपुर, सुईथाकला ।। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा द्वारा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत मदारीपुर भेला के पूर्व प्रधान अजय कुमार के भ्रष्टाचार की जांच हेतु जिला पूर्ति अधिकारी को जांच अधिकारी नामित किया गया है। शिकायतकर्ता इंदल कुमार ने जांच प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता पूर्ण तरीके से जांच पर जांच अधिकारियों पर प्रश्न चिन्ह लगाया है इसके लिए उसने डीएम से निष्पक्ष और पारदर्शी पूर्ण तरीके से जांच कराने की मांग की है । कारण यह है कि वर्षों से यह जांच प्रक्रिया अधर में डाल कर के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था जिसकी जांच रावण द्वारा स्वर्ग में सीढ़ी बनवाने तथा बीरबल की खिचड़ी पकाने के समान प्रतीत हो रही थी जांच अधिकारी तथा ब्लॉक के संबंधित अधिकारियों द्वारा जांच प्रक्रिया में ढील दी जा रही थी। डीएम के सख्त रुख अपनाने पर संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी हरकत में आ गए हैं ।
गौरतलब है कि गांव के ही इंदल कुमार द्वारा पूर्व प्रधान पर स्ट्रीट लाइट ,आरसीसी रोड, विद्यालय में मरम्मत और आवश्यक कार्य , ह्यूम पाइप, सोलर लाइट, ईंट ,मिट्टी कार्य, खड़ंजा,हैंडपंप रिबोर, कोविड-19 में निकाली गई धनराशि आदि मामले में ब्लॉक के अधिकारियों कर्मचारियों तथा पूर्व प्रधान की आपसी मिलीभगत से लाखों रुपए के घोटाले का आरोप लगाया गया था। जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी पत्रांक 3427/ पं. / जांच 2021-22 दिनांक 7:12 2021 के अनुसार जांच सौंपी गई थी ।
ग्राम पंचायत में कराए गए विकास कार्यों की जांच के संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय द्वारा विकासखंड के संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों से अभिलेख मांगे गए थे। जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय द्वारा दिनांक 16/ 09/ 2022 को जारी पत्रांक 813 जि.पू.अ. अधि. /जांच/ 2022 के अनुसार विकासखंड के अधिकारियों द्वारा कोई अभिलेख नहीं उपलब्ध कराया गया।डीएम द्वारा शिकायत की जांच हेतु तिथि का निर्धारण करते हुए मौके पर उपलब्ध कराए गए अभिलेखों के आधार पर जांच की कार्यवाही पूर्ण किए जाने के संबंध में निर्देशित किया गया है।डीएसओ ने ब्लॉक के संबंधित अधिकारियों को शिकायत के बिंदुओं से संबंधित समस्त अभिलेखों के साथ 20 सितंबर 2022 को प्रातः 11:00 बजे ग्राम पंचायत भेला में उपस्थित होकर जांच कराए जाने के लिए सुनिश्चित करने और निष्पक्ष जांच करने के लिए निर्देश दिया गया है। जहां एक तरफ जिलाधिकारी ने जांच अधिकारियों को निष्पक्ष और पारदर्शिता पूर्ण तरीके से जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं वहीं शिकायतकर्ता ने आशंका जताई है कि जांच अधिकारी पूर्व प्रधान से मिलीभगत करके मामले को कहीं रफा-दफा न कर दें जिससे डीएम और योगी की जीरो टॉलरेंस की नीतियों पर पानी फिरे।
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