नुआंव मे किसानों,मजदूरों द्वारा निकाला गया शांति मार्च

राजीव कुमार पाण्डेय कि रिपोर्ट


नुआंव,कैमूर ।। कैमूर किसान मजदूर यूनियन के तत्वाधान मे अभिमन्यु सिंह (अध्यक्ष कैमूर किसान,मजदूर यूनियन) व उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह के नेतृत्व मे पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के समर्थन मे नुआंव व रामगढ़ के किसानों ने नुआंव मे एकत्रित होकर शांति मार्च निकाला।आज कार्यक्रम के दौरान किसान विकास मंच बिहार प्रदेश के जिला अध्यक्ष प्यारे लाल दुबे ने भी संगठन ने भी रैली मे भाग ले कर अपने यूनियन का समर्थन की बात कही।यह मार्च जगदेव जी के मूर्ति को माल्यार्पण करते हुए पूरे बाजार मे भ्रमण कर निकला गया।वहीं मार्च के दौरान किसान यूनियन के उपाध्यक्ष सुनील सिंह ने सरकार से अपनी पुरानी मांग को दुहराते हुए कहा कि सरकार जल्द से जल्द मंडी कानून बहाल करे साथ ही समर्थन मूल्य लागू हो और पारदर्शी तरीके से कई संस्थानों के माध्यम से धान की उचित समय पर खरीद करे और किसानों के बकाया पूर्व के बिजली बिल का समायोजन कर योजना के तहत समाधान कर खाद्य बीज की समस्या अनियमितता बंद करे तथा पैक्स के जरिए हो रहे किसानों का शोषण बंद किया जाय व किसानों का पदाधिकारियों द्वारा किया जा रहा शोषण बंद हो जैसे अनेकों मांगों को किसानों ने सरकार के समक्ष रखा। वहीं मार्च मे उपस्थित किसानों ने कहा कि यह शांति मार्च गैर राजनीत है इस मार्च से किसी पार्टी नेता का कोई लेना देना नहीं है।आगे कहते हुए कहे कि सरकार की नीतियों के वजह से किसान दशकों से वही का वही है।आज का समय वह हो गया है कि कोई किसान बनना नही चाहता लोग लाचारी मे कृषि कार्य कर रहे हैं डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनना चाहता है,नेता का बेटा नेता बनना चाहता है लेकिन किसान का बेटा कभी किसान नही बनना चाहता क्यों क्योंकि सरकार की नीतियों के चलते किसान दिनों दिन पिसते चले आ रहे हैं। आगे कहते हुए कहा कि माननीय पूर्व कृषि मंत्री हम किसानों के आवाज थे जब वे मंत्री हुए तो हम किसानों के मन मे एक खुशी जगी की किसानों का हित सोचने वाला मंत्री बना है लेकिन उनसे इस्तीफा ले कर सरकार ने साबित कर दिया की यह सरकार किसान विरोधी है।पूर्व मंत्री को हटाकर किसानों के अरमानों पर चोट पहुंचाने का कार्य किया गया है।जो किसानों का साथ देगा वही हमारा नेता होगा।आगे कहते हुए किसानों ने कहा कि सरकार मे साझीदार राजद के चुनावी घोषणापत्र मे जब मंडी कानून लागू करने की बात कही गई थी तो अब सरकार बनने के बाद क्यों नहीं लागू किया जाता।किसान गर्मी ,वर्षा , जाड़े मे बिना आराम किए ,अपनी शरीर को तपाते दूसरों का पेट भरता है तो सरकार का इतना भी दायित्व नही बनता है कि किसानों की समस्याओं का निदान करे। अगर सरकार हमारी मांगों को गंभीरता पूर्वक विचार कर जल्द ही उचित निर्णय नही लेती है तो हमलोग प्रखंड से पटना तक शांति मार्च करेंगे। वहीं मार्च के दौरान सिसौड़ा के किसान मुन्ना यादव,चंदन सिंह,अरुण तिवारी, तरैथा के किसान दिनेश्वर सिंह,राधेश्याम सिंह अखिनी के किसान रिजवान खान सहित सैकड़ों किसान सम्मिलित दिखे।

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