माउंटेन मैन दशरथ मांझी को भारत रत्न सम्मान की मांग के लिए पदयात्री निकले दिल्ली की ओर

जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भुषण तिवारी की रिपोर्ट


कैमूर ।। जिला के कुदरा प्रखंड अंतर्गत पट्टी गांव में विश्राम के उपरांत, गया जिला के गहलौर से माउंटेन मैन दशरथ मांझी को भारत की सर्वोच्च सम्मान (भारत रत्न) की मांग हेतु दिल्ली के लिए निकले, पदयात्रीयों को प्रखंड प्रमुख ने हरी झंडी दिखाते हुए आगे के लिए किया रवाना। आपको बताते चलें कि गया जिला के गहलौर गांव में जन्मे माउंटेन मैन दशरथ मांझी द्वारा, पहाड़ पार करने के क्रम में गिरने से पत्नी फागुनी देवी की मौत होने की वजह से, 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी वह 25 फुट ऊंचे पहाड़ को अकेला 22 वर्षों तक परिश्रम कर छेनी हथौड़ी से, मात्र इसलिए तोड़ दिया गया कि भविष्य में इस तरह की घटना किसी अन्य के साथ ना हो। यदि वर्तमान समय में देखा जाए तो उक्त पहाड़ को तोड़ने से क्षेत्रवासियों को बहुत ही सुविधा हुआ व रोजगार का साधन भी बढ़ा। इसके तहत माउंटेन मैन के द्वारा एक मिसाल पेश किया गया, कि यदि व्यक्ति की हार्दिक इच्छा हो तो कोई भी कार्य कठिन नहीं होता। व आज भी दशरथ मांझी को आदर्श मानते हुए उनसे प्रेरणा लिया जाता है। जिस महान पुरुष के लिए उनके जन्मभूमि व कर्मभूमि गहलौर से 5 फरवरी 2022 को सत्येंद्र गौतम मांझी के नेतृत्व में, माउंटेन मैन को भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने हेतु, केंद्र सरकार से मांग करने के लिए दो दर्जन की संख्या में अनुयायियों द्वारा, पदयात्रा करते, पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागृत करते हुए दिल्ली के लिए कूच किया गया हैं। जिस क्रम में पद यात्रियों का दल शुक्रवार शाम को कुदरा प्रखंड के पट्टी गांव स्थित सामुदायिक भवन में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचा, जहां ग्राम वासियों को द्वारा स्वागत किया गया। शनिवार की सुबह पुनः यात्रा पर निकलने के पूर्व कुदरा प्रखंड प्रमुख बीरेंद्र राम के नेतृत्व में, देवराढ़ कलां खुर्द पंचायत के प्रखंड समिति सदस्य प्रतिनिधि चंद्रमा राम, समाज सेवक राजेंद्र प्रसाद, वीरेंद्र कुमार, दीनदयाल डेविड, बबन सदा इत्यादि के द्वारा, पद यात्रियों को फूल मालाओं से अलंकृत कर उत्साहवर्धन करते हुए, प्रखंड प्रमुख के द्वारा हरी झंडी दिखा आगे की यात्रा की शुभकामना देते हुए सादर विदा किया गया। पदयात्रा के नेतृत्व कर्ता सत्येंद्र गौतम मांझी के द्वारा माउंटेन मैन के पद चिन्हों पर चलते हुए, पर्यावरण के प्रति जागृत करते हुए उपहार स्वरूप पौधे भेंट कर पौधे लगाने हेतु जागरूक किया गया। पदयात्रा में रामबली ऋषियास, नागेंद्र मांझी, रणधीर कुमार, सुरेश मांझी, सूरज भगत दास, नारायण साव, नागेंद्र मांझी, रोहित कुमार, लाला मांझी, सकलदीप मांझी इत्यादि लोग सम्मिलित हैं।

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