एकीकृत कृषि प्रणाली द्वारा किसानों की आय में वृद्धि

एकीकृत कृषि प्रणाली द्वारा किसानों की आय में वृद्धि


आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रोदयोगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, अमिहित, जौनपुर-2 पर  “एकीकृत कृषि प्रणाली द्वारा किसानो की आय में वृद्धि” विषयक एक दिवसीय किसान गोस्ठी का आयोजन किया गया । जिसके दौरान क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों ने हिस्सा लिया और वैज्ञानिकों से अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव लिया। इस गोष्ठी के मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-अटारी कानपुर जोन-3 के प्रधान वैज्ञानिक एवं पूर्व निदेशक डॉ एस के सिंह जी रहे, कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रगतिशील किसान श्री रुद्र प्रताप सिंह जी ने की। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ संजीत कुमार ने अतिथियों और किसानो का सम्मान करते हुए कहा कि किसान भाई एकीकृत कृषि प्रणाली के विभिन्न घटकों; वैज्ञानिक फसलोंत्पादन,  मोटे अनाजों जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, सांवा आदि की खेती, सब्ज़ियों की वैज्ञानिक खेती, फलों की वैज्ञानिक खेती, केंचुआ खाद उत्पादन,  मुर्गी पालन,  बकरी पालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम की  खेती आदि को अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ संजीत कुमार ने किसानो को पशुपालन आधारित एकीकृत खेती करने की सलाह दिया। मुख्य अतिथि डॉ एस के सिंह जी ने किसानो एकीकृत खेती के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। डॉ एस के सिंह  ने कहा कि किसान भाई जलवायु, भूमि की किस्म, सिचाई के साधन, बाजार की माँग को दृष्टिगत रखते हुए एकीकृत  कृषि प्रणाली के विभिन्न आयामो को अपनाकर अपनी शुद्ध एवं सतत आय को बढ़ा सकते है। उन्होंने कहा एकीकृत कृषि प्रणाली द्वारा किसान भाई पर्यावरण को संतुलित रखते हुए अच्छी आय प्राप्त करके वर्षभर रोजगार भी पा सकते हैं। डॉ संदीप कुमार ने किसानो को मशरूम और मधुमक्खी पालन से आय को बढ़ाने की बात कही। इसके बाद केंद्र के मृदा वैज्ञानिक श्री दिनेश कुमार जी ने किसानो को मृदा स्वास्थ्य के बारे में बताया और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे बारे में भी बताया। कृषि अभियंत्रण वैज्ञानिक इंजी वरुण कुमार ने किसानो को विभिन्न यंत्रों के बारे में जानकारी दी। इसके बाद कृषि वानिकी के वैज्ञानिक श्री अनिल कुमार ने कम लागत में शेड नेट से नर्सरी उत्पादन की तकनीक साझा की और व्यावसायिक वृक्ष उत्पादन के बारे में बताया। पशुपालन वैज्ञानिक डॉ अमित कुमार सिंह ने किसानो को सही अनुपात में चारा दाना देने की सलाह दी। डॉक्टर सिंह ने बताया की प्रति 10 किलो वजन पर 100 ग्राम मिश्रित दाना देना चाहिए।  शस्य वैज्ञानिक डॉ संजय कुमार ने किसानो को वर्ष भर चारा उत्पादन के बारे में बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रगतिशील किसान श्री रुद्र प्रताप सिंह ने प्राकृतिक खेती के बारे में अपने अनुभवों को साझा किया। प्रक्षेत्र प्रबंधक श्री विजय कुमार सिंह ने कहा कि किसान भाई अपने प्रक्षेत्र पर फसलों का उचित प्रबंधन करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं। केन्द्र मुख्य अतिथि डॉ  एस के सिंह ने  वैज्ञानिकों  एवं किसानो के साथ केन्द्र पर चल रही मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन, केंचुआ खाद उत्पादन की प्रदर्शन इकाइयों , प्रयोगशाला मे एकत्रित किये गये फसलों के नमूनों का अवलोकन किया। इस कार्यक्रम के सम्पादन मे केंद्र के कर्मचारियों में श्री प्रदीप यादव, सचिन यादव, धीरज कुमार, श्रीमती रंजना देवी, श्री तिलक राज एवं विश्वजीत सिंह का सहयोग रहा। प्रगतिशील किसानो में श्री सुरेश यादव, उदय प्रताप सिंह, बिजेंद्र कुमार सिंह, इंद्रजीत सिंह, अशोक यादव, दीप चंद, शैलेन्द्र सिंह आदि समेत क्षेत्र के  प्रगतिशील किसानों ने प्रतिभाग किया।  कार्यक्रम के समापन पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसानो को अंग वस्त्र और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ संजीत कुमार ने  मुख्य अतिथि महोदय, किसानों, वैज्ञानिकों एवं सभी किसानों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन भूतपूर्व  गणित प्रवक्ता श्री हरि नाम सिंह ने किया।

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