भिवंडी पालिका क्षेत्र अंर्तगत 805 इमारतें धोकादायक हजारो परिवार संपत्ति विवाद के कारण मकान छोड़ने को तैयार नहीं

भिवंडी।।भिवंडी पालिका क्षेत्र अंर्तगत वर्ष 2016 से वर्ष 2020 दरमियान चार जर्जर इमारतों धराशायी होने से 60 लोगों की मलबे में दबकर मौत होने की घटना घटित हुई थी। सबसे बड़हा दसा वर्ष 2022 के आखिरी में हुए जिलानी बिल्डिंग हादसे में 40 लोग एक ही इमारत के मलबे में दबने से मौत हुई थी। इस मलबे में पूरे परिवार के लोगों की एक साथ हुई मौत से शहर में कई दिनों तक मातम पसरा रहा। इस हादसे के बाद मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपांशकर दत्ता व न्यायाधीश गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने स्युओ मोटो दाखिल कर निर्माणाधीन अवैध इमारतों पर रोक लगाने एवं एक कमेटी गठित करने तथा सूचीबद्ध करके अवैध व धोखादायक जर्जर इमारतें तोड़ने के लिए आदेश जारी किया था। इसके साथ ही कहा था कि जिसके भी क्षेत्र में अवैध इमारतें पायी जायेगी। उस क्षेत्र का अधिकारी इसका जवाबदार होगा। पालिका क्षेत्र अंर्तगत बिल्डरों व भूमाफियों द्वारा आनन -फानन में अवैध इमारतें बनाई जाती रही है। जिसके कारण मात्र कुछ सालों में ऐसी इमारतें जर्जर हो जाती है। अवैध इमारतों की बढ़ती सख्या को देखते हुए पालिका प्रशासन भी 30 साल पुरानी इमारतों को धोखादायक घोषित कर रही है। जिलानी व वर्धमान बिल्डिंग जैसी भिवंडी महानगर पालिका क्षेत्र अंर्तगत  805 इमारतें मुंह खोले खड़ी है। ऐसी अधिकांश इमारतों में संपत्ति विवाद होने के कारण हजारों परिवार अपनी जिंदगी जोखिम में डालकर रहने के लिए मजबूर है। पालिका की माने तो अति धोखादायक की श्रेणी में 805 इमारतें, 364 धोखादायक कुल 1151 इमारतों का समावेश है। ऐसी इमारतों में लगभग 500 से लेकर 700 परिवार आज भी निवास करते है। जिनका न्यायालय में मालिकाना हक्क संबंधी विवाद विचाराधीन है। न्यायालय में मामला होने के कारण पालिका प्रशासन भी ऐसी इमारतों पर कानूनी कार्रवाई करने से बचती रही है। इसलिए ऐसी इमारतों को केवल नोटिस जारी कर मामला पेंडिग में डाल दी जाती है।

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लेनदेन कर खाली करवाई गई जर्जर इमारतें 
पालिका क्षेत्र अंर्तगत पिछले वर्ष जर्जर इमारतें खाली करवाने के नाम पर भारी भष्ट्राचार किया गया। कुछ जर्जर इमारतों को मरम्मत करवाने का परमिशन दिया गया तो कुछ जागा मालिकों से सांठगांठ कर पगड़ी धारकों को पुलिस के मदद से खाली करवा दिया गया। भिवंडी सपा विधायक रईस कासिम शेख ने जर्जर इमारतें खाली करवाने के नाम पर हो रहे भष्ट्राचार का मुद्दा विधानसभा सत्र में उठाया और उन्होंने आरोप लगाया कि पालिका अधिकारी जानबूझकर इमारतों को जर्जर घोषित कर इमारतों पर नोटिस चिपका रहे हैं। बाद में मकान मालिकों से मिलकर भष्ट्राचार करते हैं। 
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इमारतों के मलबे में दबकर हुई मौत की संख्या 
वर्ष.         स्थान.      मृतकों की संख्या 
1) वर्ष 2016 - गैबीनगर - 08
2) वर्ष 2016 - आसबीबी रोड़ --08
3) वर्ष 2017 - नबी बस्ती -- 04
4) वर्ष 2020 -- जीलानी बिल्डिंग - 40

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