जांच में लीपापोती कर रहे एस आई सच्चिदानंद, पीड़ित ने कप्तान से दूसरे एसआई से जांच कराने की मांग की

पीड़ित को नहीं मिल रहा न्याय 20 दिन बाद भी नहीं दर्ज हुई है एफआईआर

जौनपुर, सरपतहां ।। थाना क्षेत्र के दुमदुमा गाँव निवासी राम बहादुर पुत्र राधेश्याम ने पुलिस अधीक्षक डॉ .अजय पाल शर्मा से मिलकर अवगत कराया है कि उनके घर में अज्ञात चोरों ने 29 जून की रात 50000 की नगदी सहित आभूषण कुल मिलाकर 1 लाख रुपए की चोरी की घटना को अंजाम दिया था।पीड़ित ने थाना अध्यक्ष को लिखित रूप से प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया था किंतु शिकायत के 20 दिन बाद भी एफ आई आर दर्ज नहीं हुई।पीड़ित शिकायतकर्ता विकलांग भी है।बार-बार थानाध्यक्ष से जांच कराने और तहरीर लिखाने की मांग की किंतु अभी तक सुनवाई नहीं हुई। पुलिस ने जाकर मामले की जांच की किंतु कार्रवाई नहीं हुई। थाना अध्यक्ष विक्रम लक्ष्मण सिंह ने मामले की जांच उपनिरीक्षक सच्चिदानंद को सौंपी।दिए गए प्रार्थना पत्र में बताया है कि एस आई 15 जुलाई को शाम करीब 6:00 बजे जांच करने पहुंचे और विपक्षी पड़ोसी से मिले।आरोप है कि विपक्षी एसआई को रास्ते में चौराहे पर रोककर मिले और बातचीत किए जिस पर शिकायतकर्ता ने निष्पक्ष जांच में आशंका जताई है।एसपी से प्रार्थना पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि उप निरीक्षक द्वारा पीड़ित को गाली दी गई जिसे उनके भतीजे सत्यांशु ने सुना।शिकायतकर्ता ने एसआई की विपक्षियों से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए असंतुष्टि जताई है।

सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस की नीति और अपराध मुक्त प्रदेश बनाने के लिए चाहे जितना दावा कर लें लेकिन इस थाने के एसआई ने सीएम योगी के सारे दावों को खोखला साबित कर दिया है। पीड़ित न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है लेकिन हताशा ही हाथ लग रही है।शासन-प्रशासन की कानून व्यवस्था की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं जिससे पीड़ित त्रस्त है और चोरी की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों के हौसले बुलंद और बेखौफ होकर घूम रहे हैं।पीड़ित ने उम्मीद जताई है कि कप्तान न्याय दिलाएंगे।पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच क्षेत्राधिकारी शाहगंज को सौंपी है।अब निष्पक्ष जांच चुनौती का विषय बन गई है कि जांच मामले में पारदर्शिता रहेगी या नहीं। इससे पहले भी ग्राम न्यायालय शाहगंज की अदालत ने उप निरीक्षक को छितमपट्टी गांव में मर्डर केस के मामले में सही जानकारी न देने तथा गुमराह करने के मामले में अवमानना नोटिस जारी की थी जिससे वह खबरों की सुर्खियों में छाए रहे।

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