कृष्ण मृग की हत्याकांड मामले में राजनीतिक साजिश की आ रही बूं

पीड़ित के परिजनों की मांग जिला प्रशासन कराए न्यायिक जांच


"विचार करने का विषय क्या 75 वर्षीय बुजुर्ग कर सकता है हिरण का शिकार"


जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भुषण तिवारी की रिपोर्ट


कैमूर ।। जिला के चैनपुर प्रखंड अंतर्गत करजी गांव में विगत दिनों हुए कृष्ण मृग हत्याकांड मामले में, राजनीतिक साजिश की आ रही बूं, पीड़ित के परिजनों की मांग जिला प्रशासन कराए न्यायिक जांच। आपको बताते चलें कि विगत 25 अप्रैल को चैनपुर प्रखंड के करजी गांव से कृष्ण मृग की हत्या का मामला प्रकाश में आया था। जिस संदर्भ में विगत 18 जुलाई को  वन प्रशासन द्वारा एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। जिस संदर्भ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वन पालक राकेश कुमार के द्वारा मीडिया के समक्ष बताया गया, कि आरोपी को फुटेज के आधार पर पकड़ा गया है। एवं इसके द्वारा अपनी अपराध स्वीकार किया गया है, साथ ही छ: अन्य भी सम्मिलित हैं, जिनके ऊपर नामजद मामला दर्ज किया गया है। पर 22 जुलाई को पुनः जिला वन पदाधिकारी द्वारा एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के विषय में बताया गया, साथ ही कहा गया कि इसमें कुल 5 आरोपी हैं, जो कि नामजद है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीणों से प्राप्त सूचना के आधार पर नामजद मामला दर्ज किया गया है। उनके द्वारा कही गई बातों से 18 जुलाई को जिस आरोपी का जिक्र वन पालक द्वारा किया गया है, वह निर्दोष है। संवाददाता द्वारा करजी गांव में पहुंचकर जब मामले की जानकारी लिया गया, तो अधिसंख्य ग्रामीणों के द्वारा बताया गया, कि प्रशासन द्वारा जिस कृष्ण मृग की हत्या की बात किया जा रहा हैै, उसकी हत्या किसी व्यक्ति के द्वारा नहीं किया गया है, बारिश का मौसम था हिरण का पैर खेत में फंस गया जिसे देख कुत्तों के झुंड के द्वारा हिरण पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया गया। और जहां तक मांस खाने की बात है, तो जिस परिवार के 5 लोगों पर प्रशासन द्वारा आरोप लगाया जा रहा है, उस परिवार के लोग मांसाहारी है ही नहीं। इस मामले में 75 वर्षीय एक व्यक्ति को भी आरोपी बनाया गया है क्या यह संभव है, कि 75 वर्षीय एक व्यक्ति हिरण का शिकार करने चलेंगे? जिन लोगों पर आरोप लगाया गया है, वह लोग जिस समय कृष्ण मृग का हत्या हुआ है, उस समय एससी एसटी की केस होने के वजह से खुद ही घर द्वार छोड़कर फरार चल रहे थे। तो क्या यह संभव है कि एक मृग को मारने के लिए सभी इकट्ठा होकर वहां पहुंच गए? ग्रामीणों से मिली जानकारी व वन विभाग के दो अधिकारियों के द्वारा दो तरह की बातों पर विचार किया जाए, तो इस कृष्ण मृग हत्याकांड मामले में राजनीतिक साजिश की बू आ रही है।  कृपा शंकर तिवारी की पत्नी एवं परिजन कंचन देवी,सोनी देवी,उषा देवी,अमरावती देवी,आनंद तिवारी,वंदना तिवारी,कृष्णा तिवारी, निकी तिवारी,पुष्पराज तिवारी आदि लोगों के द्वारा अपने परिजनों को वन विभाग के द्वारा मृग हत्याकांड में झूठा फंसाए जाने पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए, राष्ट्र रक्षक, धर्म रक्षक, कलमकार व सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही जिला के उच्च पदाधिकारियों से मांग किया गया है कि मामले की सही जांच करा अग्रिम कार्यवाही किया जाए। अन्यथा हम लोग आत्महत्या करने को विवश होंगे जिसकी जिम्मेवारी यहां के शासनिक प्रशासनिक पदाधिकारियों की होगी।

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