भिवंडी पालिका का अजीबोगरीब कारनामा टेंडर खुलने के पहले काम हो गया पूरा

भिवंडी।। भिवंडी निज़ामपुर शहर महानगर पालिका प्रशासन अपने अजीबोगरीब कारनामे के कारण सदैव सुर्खियों में रहा है। पालिका के प्रत्येक विभागों में जहां भष्ट्राचार अपने चरम पर है। वही 90 पार्षदों वाली महानगर पालिका में प्रशासक की नियुक्ति के बाद अखबार खरीदने के लिए पैसा नहीं है। जिसके कारण स्टाॅल वालों ने पालिका प्रशासन को अखबार देना बंद कर दिया है। हालांकि प्रशासन को अखबारों में छपी खबरें से कुछ लेना देना नहीं होता है और ना ही पालिका के प्रशासक एवं आयुक्त अजय वैद्य अखबारों में छपी खबरों पर कोई एक्शन लेते है। पालिका का काला चिठ्ठा भी छाप जाये तो, इसके बावजूद आयुक्त द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती है। यहां सिर्फ क्लर्क कर्मचारियों को प्रभारी अधिकारी बनाकर सिर्फ बदली का खेल खेला जाता है। फारसी में एक कहावत है कि "किस्मत मेहरबान तो गदा भी पहलवान"। हालांकि फारसी में गदा का मतलब होता है फकीर,भिखारी। किन्तु यह कहावत समयकाल के चलते अपभ्रंश यानी बिगड़ते बिगड़ते गधा हो गया। तो अगर यहां कहा जाये कि "बाॅस मेहरबान तो गधा भी पहलवान" तो गलत नहीं होगा। क्योंकि आयुक्त अजय वैद्य की मेहरबानी से यहां क्लर्क से बने प्रभारी अधिकारियों को एक - एक - दो नहीं बल्कि तीन -तीन विभागों का प्रभारी चार्ज देकर अधिकारी बनाकर बैठा दिया गया है। जिस कर्मचारी पर उनकी मेहरबानी नहीं उन कर्मचारियों को उनके मूल पोस्ट पर भेज दिया जाता है। 

आयुक्त अजय वैद्य शहर में नये नये फरमान जारी करने वाले आयुक्त के नाम से पहचाने जाते है। साढ़े पांच बजे के बाद पालिका मुख्यालय कार्यालय में जन मानस का प्रवेश पर बैन लगा दिया है। लोगों की शिकायतें नीचे के अधिकारियों के सुनने के बाद सुनते है। सप्ताह में केवल दो दिन सिर्फ एक -एक घंटे के लिए नागरिकों से मुलाकात करने के लिए समय दिये है। ऐसे तमाम फरमान जारी कर चुके है। किन्तु इस समय उनके फरमानों की चर्चा ना होकर एक टेंडर की चर्चा जोरशोर से शुरू है। टेंडर खुलने की मुद्दत के पूर्व वर्क आर्डर बिना ही ठेकेदार ने उस काम को शुरू कर पूरा भी कर दिया। इस विषय पर संबंधित इंजिनियर ने भी गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ लिया।

गौरतलब हो भिवंडी पालिका प्रशासन की सुरक्षा में लगे सुरक्षा गार्डो के लिए पालिका कि ओर से मुख्यालय इमारत में खाली पड़ी कैंटीन में रहने की व्यवस्था की गयी थी। हालांकि सुरक्षा कंपनी व पालिका प्रशासन द्वारा किये गये करारनामे में इनके कर्मचारियों के रहने हेतु उन्हें पालिका की ओर से व्यवस्था करने के लिए कोई उल्लेख नहीं है। इसके बावजूद मानवता के आधार पर पालिका ने उन्हें रहने की व्यवस्था उपलब्ध कराया था। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने मुख्यालय में कैंटीन खोलने की मांग किया था। पालिका प्रशासन ने आनन फानन में कैंटीन खोलने के लिए सुरक्षा कर्मियों का कमरा खाली करवा दिया और शहर अभियंता सुनिल घुगे ने जनरल निधि द्वारा मुख्यालय के पीछे खाली पड़े ओपन पैसेज में सुरक्षा कर्मियों के रहने हेतु पाटीशन तैयार करने के लिए 15 सितंबर को बांधकाम विभाग प्र.स.क्र. 01, ई - निविदा सूचना क्रमांक 85, सन 20 23-24  नुसार 4,27,805 रूपये की निविदा एक दैनिक अखबार में छपवा दी। यह निविदा भरने की आखिरी मुद्दत 22 सितंबर 2023 को है। किन्तु पालिका प्रशासन के पाले ठेकेदार ने अखबार में निविदा छपने के दिन बाद से बिना वर्क आर्डर के ही सुरक्षा कर्मियों हेत पार्किंग स्थल के ओपन पैसेज में पाटीशन बनाना करना शुरू कर दिया। यही नहीं 22 सितंबर को टेंडर ओपन के पूर्व ही पाटीशन तैयार भी पूरा कर दिया। इस टेंडर की चर्चा पालिका गलियारे से गूँजने के बाद शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

रिपोर्टर

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