आइएमए ने महिलाओं के बीच स्तन कैंसर संबंधित चलाया जागरूक अभियान

समय के अनुसार निदान है- डॉ संतोष कुमार सिंह

कैमूर।।   स्तन कैंसर कोई संक्रामक बीमारी नहीं है,  लेकिन इससे प्रभावित लोगों की संख्या देखकर यह कहा जा सकता है कि इस मुद्दे पर जागरूकता की कितनी कमी है। यह जरूरी है लोगों तक स्तन कैंसर से जुड़ी सही जानकारी पहुंचे इसलिए अक्तूबर महीने को पूरे विश्व मे ' विश्व स्तन कैंसर जागरूकता ' माह के रूप मे मनाते है।  इस कडी मे आईएमए भभुआ ( कैमूर) शाखा द्वारा लोगों को स्तन कैंसर के प्रति जागरुक करने हेतू भभुआ शहर मे सदर अस्पताल से एकता चौक तक जागरूकता रैली निकाली गई। 

भारत मे प्रतिवर्ष  स्तन कैंसर से  लगभग एक लाख महिलाओं की असामयिक मृत्यु होती है जिसे जागरूकता के माध्यम से कम किया जा सकता है। अगर किसी महिला के स्तन या कांख मे गाँठ हो,  स्तन के आकार मे बदलाव , स्तन के ऊपर लालिमा हो,  स्तन की त्वचा पर कड़ापन हो,  स्तन से मवाद या खून का आना इत्यादि लक्षण दिखे तो तुरंत योग्य चिकित्सक से संपर्क करें।  डॉक्टर की सलाह पर मैमोग्राम स्क्रीनिंग करानी चाहिए। अगर रिस्क अधिक हो तो एमआरआई,  बायोप्सी इत्यादी करानी चाहिए।  कुछ लोगों को प्रारंभिक लक्षण नहीं दिखता इसलिए 40 साल के ऊपर की महिलाओ को साल मे एक बार मैमोग्राम स्क्रीनिंग अवश्य करानी चाहिए।  आमतौर पर स्तन कैंसर होने के निम्न कारण हैं , वजन का बढना,  फिजिकल एक्टिविटी नही करना , जेनेटिक बीमारी होना , हार्मोन मे बदलाव,  बच्चे पैदा नही करना या देर से पैदा करना,  बच्चे को दूध नही पिलाना इत्यादि ।

ब्रेस्ट कैंसर तेजी से बढता शारीरिक रोग है लेकिन इसको सावधानी एवं उचित परामर्श से टाला जा सकता है । अगर प्रारंभिक स्टेज मे  इसको पहचान कर इलाज शुरू होने पर स्तन कैंसर को ठीक किया जा सकता है । उपस्थित एएनएम, नर्सिंग छात्राओं एवं आशा कर्मियों से अनुरोध किया गया वे ग्रामीण महिलाओ को स्तन कैंसर के प्रति जागरुक करें । जागरुकता  रैली को संबोधित आईएमए के सचिव सह बिहार आईएमए के संयुक्त सचिव डॉ संतोष कुमार सिंह एवं डॉ अशोक कुमार सिंह ने किया।  संचालन आईएमए कैमूर के प्रवक्ता डॉ सिद्धार्थ राज व  धन्यवाद ज्ञापन जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ राजनारायण प्रसाद ने किया।  इस अवसर पर  डीआईओ डाॅ रविंद्र चौधरी , सदर अस्पताल उपाधीक्षक डाॅ विनोद कुमार,  डॉ अरविंद द्विवेदी , डॉ रविरंजन प्रकाश,  टाटा मेमोरियल सेंटर इकाई  के डॉ विभूति भूषण , डॉ अंकिता कुमारी एवं स्टाफ व पारा मेडिकल इंस्टीटयूट के छात्र एवं छात्राएं एवं स्वस्थ्य कर्मी  इत्यादि मौजूद थे  ।

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