एक्साइज कस्टडी से फरार युवक का 50 घंटे बाद कर्मनाशा नदी में मिला शव

मृतक की पत्नी की तहरीर पर मामला दर्ज कर जांच जारी


जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भुषण तिवारी की रिपोर्ट

कैमूर ।। जिला के दुर्गावती थाना क्षेत्र अंतर्गत ककरैत चेकपोस्ट पर शनिवार की संध्या शराब चेकिंग अभियान के दौरान एक्साइज विभाग के कस्टडी से शराब के सेवन में गिरफ्तार एक युवक का भागने का मामला सामने प्रकाश में आया था। वहीं घंटो बीत जाने के बाद जब युवक घर नहीं पहुंचा तो उसके परिजन व दुर्गावती पुलिस खोजबीन में जुट गए। इस मामले को लेकर जानकारी मिलते हीं थानाध्यक्ष राजीव रंजन सिंह, सब इंस्पेक्टर सतीश कुमार स्थानीय मुखिया पति पिंकू सिंह, मुखिया बब्बू सिंह अंचल पदाधिकारी लक्ष्मण सिंह कर्मनाशा नदी तट पर पहुंचे और खोज बिन में लग गए। वही दुर्गावती थाना प्रभारी के द्वारा एक चौकीदार की नियुक्ति नदी पर कर दी गई थी। सोमवार को दोपहर 50 घंटे के बाद कर्मनाशा नदी में युवक का शव उतराया हुआ मिला ।मिली जानकारी के अनुसार युवक उत्तर प्रदेश के मऊ जिले का निवासी दीपक कुमार बताया जा रहा है, जो कबिलाशपुर गांव के रहने वाले हरेंद्र यादव के ईट भट्टे पर रहकर जेसीबी ऑपरेटर का काम करता था। मौत की सूचना मिलने के बाद अगल-बगल के लोगों के द्वारा रोड को घंटो जाम कर दिया गया।

इस संबंध में ककरैत चेक पोस्ट के प्रभारी उपेंद्र कुमार के द्वारा फोन पर जानकारी देते हुए बताया गया कि शनिवार की संध्या चेकपोस्ट पर शराब की जांच की जा रही थी। इसी क्रम में शराब सेवन के मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार कर गाड़ी में बैठाया गया था। वहीं शराब जांच के बाद सभी गिरफ्तार लोगों को कानूनी प्रक्रिया के लिए भभुआं न्यायालाय ले जाने की तैयारी थी। उत्पाद विभाग की गाड़ी जैसे ही चेक पोस्ट से आगे बढ़ी कि दो युवक गाड़ी के पीछे से कूद कर भागने लगे। दोनों युवक को भागते हुए देख एक्साइज पुलिस ने पीछा किया जहां पीछा करने के क्रम में एक युवक भागने में सफल हो गया, जबकि दूसरे युवक को खदेड़ कर पकड़ लिया गया। पकड़े गए युवक को पुलिस अपने वाहन में बिठाकर आगे के लिए रवाना हो गई। इधर कर्मनाशा नदी में युवक की खोजबीन जारी थी जिसका शव 50 घंटे बाद नदी से बरामद किया गया। वहीं थाना प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार मृतक की पत्नी की तहरीर पर मामला दर्ज कर जांच प्रक्रिया जारी है।अब देखना है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करती है यह तो जांच के क्रम में ही पता चलेगा। हला कि ग्रामीण जनता इस मामले में उत्पाद विभाग की लापरवाही का दोष लगा रही है।

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