विनोबा नगर गांव के 25 मतदाताओं ने हीं किया अपने मत का प्रयोग

कैमुर- अधौरा प्रखंड अंतर्गत बड़वान कला पंचायत के विनोबा नगर के महज 25 मतदाताओं ने हीं मतदान किया। इसका वजह विनोबा नगर गांव से बुथ हटवाकर बड़वान कला गांव में कर दिया जाना बताया जाता है। विनोबा नगर के ग्रामीणों ने बताया कि पिछले करीब दो से तीन दशकों से वे सभी आपने गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए मतदान केंद्र पर किसी भी दर्जे के चुनाव में मतदान करते चले आ रहे थें, मगर मौजूदा चुनाव में उनके बुथ को बगल के हीं ऊंची पहाड़ी पर स्थित बड़वान कला गांव में स्थानांतरित कर दिया गया। जिससे विनोबा नगर गांव के करीब 25 मतदाता हीं पहाड़ी के कठिन चढ़ाई वाले डगर पर चलकर बड़वान कला पहुंचे और मतदान करने में सफल रहे। जबकि गांव में महिला एवं पुरुष समेत कुल मतदाताओं की संख्या 2 सौ से ज्यादा है। बुथ स्थानांतरित किए जाने से मायूस महिला-पुरुष ग्रामीणों ने बताया कि एसा किसी भी श्रेणी के चुनाव के इतिहास में पहली बार हुआ है। दोपहर करीब 12 बजे बड़वान कला गांव में वोटिंग कर वापस लौटे कुछ मतदाताओं ने बताया कि अहले सुबह करीब 4 बजे (भोर में) हम करीब 25 मतदाता लोकतंत्र के इस महा चुनाव में मतदान करने के लिए बड़वान कला गांव के नए केंद्र पर पहुंचे थें, इनमें से करीब आधे लोग अब भी वापस नहीं लौटे हैं, संभवतः वे सभी अभी वोटिंग कर रहे हैं, या फिर मतदान कर लौट रहे होंगे। ग्रामीणों ने बताया कि बड़वान कला गांव तक पहुंचने के लिए सैकड़ों फीट पहाड़ की ऊंचाई तथा पथरीले टेढ़े-मेढ़े खतरनाक रास्ते से गुजरना पड़ता है, एसे में उन्हें वहां पहुंचने तथा वापस लौटने में करीब 5 से 6 घंटे का समय लगता है। एसे में इस प्रचंड गर्मी व तीखी धूप के बीच वहां पहुंचकर मतदान करना और वापस लौटना किसी कठिन कार्य से कम नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 25 की संख्या में जिन जागरूक मतदाताओं ने इस कठिन चढ़ाई वाले डगर पर चलकर वोटिंग किया है, उनमें ज्यादातर युवा हैं, या फिर फिजिकली फिट हैं। और जो वोटिंग करने से वंचित रह गए, उनमें ज्यादातर महिलाएं एवं वृद्ध तथा असहाय श्रेणी के मतदाता हैं। मतदान केंद्र को स्थानांतरित किए जाने से पीड़ित ग्रामीणों ने बताया कि वे सभी चुनाव आयोग तथा जिला निर्वाचन पदाधिकारी से चाहते हैं कि आगामी किसी भी चुनाव में उनके गांव का अपना व्यक्तिगत मतदान केंद्र हो, ताकि वे सभी आसानी से शत-प्रतिशत मतदान कर लोकतंत्र को मजबूत बनानेऔ में अपनी-अपनी सहभागिता निभा सकें। गौरतलब है किऔ इस गांव का नाम भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आचार्य विनोबा भावे के नाम पर रखा गया है, जहां कि गांव के प्राथमिक विद्यालय व सामुदायिक केंद्र के समीप उक्त गांधीवादी नेता की बकायदा प्रतिमा भी स्थापित है।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट