थाना प्रभारीयों द्वारा जनप्रतिनिधियों समेत अन्य के बीच नए अपराधिक कानूनों के संदर्भ में दी गई जानकारी

1 जुलाई से नए अपराधिक कानून हुआ लागू

कैमूर--  जिला के थाना प्रभारीयों द्वारा थाना परिसर में बैठकर जनप्रतिनिधियों समेत अन्य लोगों के बीच 01 जूलाई से देश मे लागू हुए, नए अपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता 2023 ,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दिया गया। बैठक में उपस्थित प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, थाना प्रशासन, जन प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र व छात्राओं के बीच जानकारी देते हुए बताया गया, की  देश में आईपीसी कानूनों को समाप्त कर भारतीय न्याय संहिता 2023 लागू कर दिया गया है। भारतीय संसद के द्वारा भारत में अपराध एवं दंड से संबंधित अधिनियम भारतीय दंड संहिता 1860 के स्थान पर एक नया अधिनियम भारतीय न्याय संहिता 2023 पारित किया गया है।इस नए कानून को भारत में 01 जुलाई 2024 से लागू कर दिया गया है। इस नए अधिनियम में भा.द.वि. की तुलना में अध्याय और  धाराएं कम की गई है। भा.द.वी. में 23 अध्याय एवं 551 धाराएं हैं, जबकि भारतीय न्याय संहिता 2023 में बीएनएस अध्याय एवं 358 धाराएं कर दी गई है। छोटे अपराधों में गिरफ्तारी नहीं बल्कि न्यायालय द्वारा सामूहिक सजा भी सुनाई जाएगी। कई अपराधों में जुर्माना की राशि बढ़ाया गया है, तो कई अपराधों में सजा की अवधि भी बढ़ाई गई है। सामूहिक रूप से दुष्कर्म में मृत्युदंड की सजा,इसके अलावा महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधो को एक अध्याय में सम्मिलित किया गया है। झूठ एवं शोषण पर सजा का प्रावधान है। जांच के क्रम में पुलिस द्वारा घटनास्थल का वीडियो ऑडियो बनाया जाएगा। मुख्य परिवर्तन सीआरपीसी में धाराओं की संख्या 484 से बढ़ाकर बीएनएसएस में 531 की गई है। 177 धाराओं को प्रतिस्थापित किया गया है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई है, जबकि 14 धाराएं निरस्त की गई है। भारतीय न्याय संहिता 2023 के जांच में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा, मजिस्ट्रेट द्वारा जुर्माना में वृद्धि की गई है, पीड़ित के साथ गवाहो को भी सुरक्षा प्रदान किया जायेगा। धारा 173 को निरस्त किया गया है, एफ आई आर  को  ई एफ आई आर का प्रवधान किया गया है।

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