कर्मनाशा नदी के संरक्षण, संवर्धन और गंगा जल लाने के लिए दायर करेंगे सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका - पंकज राय

जैतपुरा पंप कैनाल के तर्ज पर होगा कर्मनाशा में गंगाजल लाने के लिए संघर्ष

कैमूर--  जिले की लाइफ लाइन कर्मनाशा नदी के संरक्षण संवर्धन और कर्मनाशा में गंगा का जल लाने के लिए जैतपुरा के किसान पंकज राय जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे। जिसमें बिहार सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्रीय जल बोर्ड को पार्टी बनाया जाएगा। पंकज राय ने कहा कि कई दशक से यह अखबारों में चर्चा होते आई है कि जमनियाँ से गंगा का जल कर्मनाशा नदी में लाया जाएगा। लेकिन आज तक यह वादा नेताओं द्वारा पूरा नहीं किया गया। क्या यह मामला सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह जाएगा ? लेकिन किसान ऐसा नहीं होने देंगे, अब हम अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगे। कर्मनाशा को जब तक से संरक्षित नहीं किया जाएगा, कर्मनाशक को जब तक से संवर्धित नहीं किया जाएगा, तब तक कर्मनाशा नदी पर बने लरमा पंप कैनाल, विश्वकर्मा पंप कैनाल से किसानों को पानी नहीं मिलेगा। हम लोग निम्नलिखित मुद्दों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे। जिनमें प्रमुख मुद्दा है - कर्मनाशा नदी का संवर्धन और संरक्षण। कर्मनाशा नदी लरमा से ऊपर लगभग 50 किलोमीटर तक है। तो जब तक से कर्मनाशा को पर्यावरण विशेषज्ञों की राय के अनुसार पूर्ण रूप संरक्षित करने का काम सरकार नहीं करेगी, तब तक कर्मनाशा को पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है और दूसरी माँग- जमानिया से कर्मनाशा में गंगा का जल लाया जाना है और विश्वकर्मा पंप कैनाल के पास कर्मनाशा नदी पर बराज बनाकर के उस पानी को लरमा की तरफ ले जाने का है और तीसरी मांग यह है कि कर्मनाशा के किनारों पर कर्मनाशय के उद्गम स्थल से लेकर कर्मनाशा के गंगा में मिलने तक वृक्षारोपण करने का है। जब तक से कर्मनाशा का संरक्षण नहीं होगा, तब तक से लरमा पंप कैनाल, विश्वकर्मा पंप कैनाल, तियरा पंप कैनाल और जैतपुरा पंप कैनाल का भविष्य सुरक्षित नहीं रहेगा और यह लड़ाई किसान ठीक उसी तर्ज पर लड़ेंगे, जैसा उन्होंने जैतपुरा पंप कैनाल के लिए किया था। 15 दिसंबर 2008 को जैतपुरा के किसान पहली बार मुख्यमंत्री के जनता दरबार में गए और अस्थाई व्यवस्था के लिए एक करोड़ 85 लाख रुपए सरकार 2010 में ने आवंटित किया था। उस व्यवस्था से नहर कुछ साल चली, लेकिन 2014 में पुनः किसान नवंबर महीने में सामाजिक, आर्थिक सहयोग से माननीय पटना उच्च न्यायालय में जैतपुरा पंप के कैनाल के स्थाई निर्माण के लिए जनहित याचिका दायर किये और याचिका पर 2017 में हाईकोर्ट ने किसानों के पक्ष में फैसला दिया और बिहार सरकार को निर्देश दिया कि जैतपुरा पंप कैनाल का स्थाई निर्माण किया जाए। तब जाकर के बिहार सरकार ने 42 करोड रुपए आवंटित किए और आज जैतपुरा पंप कैनाल बनकर तैयार हो गया है। पंकज राय ने कहा कि किसान अगर सिर्फ राजनीतिक दलों और नेताओं के सहारे बैठेंगे, तो कभी भी किसानों का भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता है। हमें भी पंजाब के किसानों की तरह अपनी हर आवाज को बुलंद करना होगा।

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