
बरसात के मौसम में पशुओं पर विशेष ध्यान दें : पशु पालक डॉक्टर योगेंद्र कुमार
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, ब्यूरो चीफ कैमूर
- Aug 02, 2024
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संवाददाता सुचित पाण्डेय की रिपोर्ट
रामपुर (कैमूर)- बरसात के दौरान पशुओं में कई तरह की गंभीर बीमारी होने का डर बना रहता है, हरे चारे के साथ-साथ भूसा मिलाकर खिलाएं
बरसात के मौसम में पशुपालकों को अपने-अपने पशुओं पर सामान्य दिनों की अपेक्षा विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है| इस मौसम में जगह-जगह हुए जल जमाव और पशुओं को निचले हिस्से वाली जमीन मैं लगे चारे को खिलाने से कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है| हालांकि पशुपालक चाहे तो पशु वैज्ञानिकों के महत्वपूर्ण सुझावों को अपनाकर वे अपने पशुओं को इन गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं| यह बातें डॉक्टर योगेंद्र कुमार ने बताया|
उन्होंने कहा कि वैसे पशुपालक जिनके पशुशाला के छप्पर या छत से बारिश के दौरान पानी टपक रहा हो वे अविलंब पशुशाला के छप्पर को ठीक करा ले |पशुशाला मैं पानी टपकने से फर्श हमेशा जिला बना रहेगा जिससे निमोनिया और कबसीडिया जैसी खतरनाक बीमारी उत्पन्न हो सकती है और इस बीमारी से पशुओं की मौत भी हो सकती है|
उन्होंने बताया कि पशुपालक बरसात के दिनों में मवेशियों को केवल हरे चारे ना खिलाए हरे चारे के साथ-साथ भूसा मिलकर जरूर खिलाएं| बरसात में हरे चारे में पानी की मात्रा अधिक होती है पशुओं को अगर केवल हरा चारा खिलाया जाए तो पशु पतला गोबर करने लगेंगे| इसके अलावे पशुपालक अपने मवेशियों को सम्मानित दिनों में जितना दान का मंत्र देते हैं बरसात के दिनों में उसे तान के मात्र आधा किलो बढ़कर खिलाए चुकी बरसात के दिनों में पशुओं को शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है उन्होंने कहा कि पशुपालक अपने पशुओं को फफुंद लगा हुआ भूसा, चोकर और चार बिल्कुल न खिलाएं इससे पशुओं को कई तरह की संक्रमण होने का डर रहता है पशुपालक को सुझाव देते हुए पशु पशु चिकित्सक योगेंद्र कुमार ने बताया की बरसात के दिनों में पशुपालक में बाह्य परजीवी जैसे अठैल चमौकन आदि की समस्या बढ़ जाती है बाह्य परजीवियों के कारण पशुओं में सारा लाल पेशाब आदि जैसी खतरनाक बीमारी के उत्पन्न होने का भी खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है यह सब बीमारियों से बचने के लिए पशुओं को उचित समय पर इलाज करना बहुत जरूरी हो जाता है पशुपालक अपने पशुओं को कीड़ी का दवा खिलाए तथा की क्या भी लगवाए पशु चिकित्सक ने बताया कि पशुपालक बरसात के दिनों में अपने-अपने मवेशियों को पेट के कीड़े से संबंधित दवा जरूर खिलाएं इसके अलावा पशुपालक पशुओं को गाल घोट लंगडी खुर पक्का आदि बीमारियों से बचाव के लिए प्रत्येक वर्ष टीका भी लगे| उन्होंने बताया कि पशुपालक बरसात के दिनों में गड्ढे वाली जगह से हरा चारा न खिलाएं तथा गड्ढे में लगे पानी को भी ना पिलाए| खरेंदा पंचायत के खरेंदा में कई लोगों के पशुओं को उपचार भी किये
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