हैवानियत पर राजनीति और राजनेताओं के राजनीतिक बयान से देश शर्मसार

दुर्गावती संवाददाता श्याम सुंदर पांडेय की रिपोर्ट 


कैमूर- आम जनता के साथ घट रही हैवानियत पूर्ण सामूहिक बलात्कार हत्या कृत्य जैसे मुद्दों पर भारतीय राजनीति में जाति और  अपने अपने राज्यों की सरकार देखकर जो बयान राजनेताओं के द्वारा दिए जा रहे हैं वह देश को शर्मसार करने वाले हैं। राजनेताओं ने कभी सोचा की बयान के बाद विदेश में इसकी चर्चा कर लोग किस दृष्टि से इसको लेते होंगे कुछ कहा नहीं जा सकता। वोट की राजनीति तो जनता को बाट ही चुकी है क्या अब राजनेता ऐसे संवेदनशील मुद्दों को भी जाती और सरकारों के आधार पर बांटना चाहते हैं इसे भारतीय जनमानस को समझने की जरूरत है। डिबेट में टीवी पर बैठे कुत्तों की तरह गुरगुराते राजनेताओं के चेहरे को और उनकी जातीय आधारित बातों को बारीक से सुनने और समझने की अब जरूरत आम जनता को होनी चाहिए। क्योंकि भारत तेरे टुकड़े होंगे कि नारे की तर्ज पर लगता है कितने टुकड़ों में आम जनता को भारत की राजनेताओं के द्वारा बांटने का प्रयास हो रहा है भारतीय जनमानस को इस संवेदनशील मुद्दे को समझने की जरूरत है। आज देश को आरक्षण के द्वारा अलग-थलग करके  राजनीति हो रही है यह एक उसका प्रमाण है। अब राजनीति में जातीय आधारित घटना दुर्घटनाओं और बलात्कार जैसे मुद्दों पर राजनेताओं के बयान से भारत माता का सीना कांप रहा है। जब जाति आधारित ही राजनीति करनी है तो आरक्षण में वर्गीकरण पर फिर मिर्ची क्यों लग गई। यदि भारतीय आम जनता इस पर ध्यान नहीं देती तो आने वाली भारत की स्थिति और गंभीर होगी जिसे संभालना मुश्किल होगा नेता तो आग लगने वाले हैं संभालना आम नागरिकों को ही है। वोट जनता देती है और सरकार जनता बनाती है तो सोचेगा कौन किसी ने सच ही कहा है की जैसी करनी वैसी भरनी माल महाराज का मिर्जा खेले होली वोट आपका फूट डालो शासन करो की राजनीति कर के राजनेता मलाई काट रहा है।

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