अतिक्रमण कारियो के कब्जे में सरकारी जमीन सरकार की लापरवाही का नतीजा

संवाददाता श्याम सुन्दर पाण्डेय की रिपोर्ट 

दुर्गावती(कैमूर)-- सरकार के लापरवाही का नतीजा है कि सरकारी जमीन आजा  अतिक्रमणकारियो के कब्जे में है। भूत दाताओं के द्वारा और राज्य के राजाओं और जमींदारों के द्वारा दी गई जमीन आहार पोखरा गली खेत के मोटे-मोटे छवर नहर की पटरिया आम रास्ते और रोड के सटे पटरिया के पास की जमीन खेल का मैदान इस तरह जितने भी सरकारी जमीन है आज अतिक्रमण कारियो के कब्जे में  है लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। जिसका जब मन करता है रोड पर मूर्तियां लगा देता है रोड पर झोपड़ियां लगा देता है तरह तरह के व्यवसाय कर लिए जाते हैं, लेकिन रोड से गुजरने वाले अधिकारी राजनेता सब कुछ देखते हुए चुप और खामोश है। इसी क्रम में दुर्गावती प्रखंड के ग्राम खजुरा उत्तर प्रदेश बिहार के बॉर्डर पर स्थित भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की जमीन को अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर लिया गया है जिसका नतीजा है कि आज उसका अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है। जब सरकार अपने ही जमीन की रक्षा नहीं कर सकती तो आम जनता की बात ही क्या करना है। पर्यावरण की दृष्टिकोण से माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा जल संरक्षण के लिए आहार पोखरी पोखरे और तालाब की जमीन को साफ करने के आदेश के बावजूद भी सरकार वोट की राजनीति के लिए चुप बैठी है। राष्ट्रीय राजमार्ग जो भारत सरकार की एक संपत्ति है जिसके किनारे जब चाहे कोई संगठन के लोग या कोई व्यक्ति किसी की मूर्ति लगाकर बाबा का फोटो लगाकर स्टैचू खड़ा कर देता है यह सब क्या है क्या इसे सरकार की लापरवाही कहना क्या अनुचित है। बिहार सरकार के द्वारा सर्वे का काम कराया जा रहा है क्या ऐसी जमीनों को निकाल कर सफाई अभियान चला कर साफ सरकार करेगी यह नामुमकिन लगता है क्योंकि वोट के राजनीति का सवाल वहां भी खड़ा हो जाएगा। बिहार सरकार के द्वारा चलाया गया सर्वे अगले चुनाव के मद्दे नजर ध्यान भटकने का एक तरीका है और कुछ नहीं।

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