किसानों ने 113 वां दिन अनिश्चितकालीन धरना रखा जारी, किसानों ने सरकार को दी चेतावनी

संवाददाता अभिमन्यु सिंह की रिपोर्ट 

चांद(कैमूर)--  उचित मुआवजा की मांग को लेकर किसानों ने 113 वा दिन अनिश्चितकालीन धरना जारी रखा। पीएनसी कंपनी बेस कैंप स्थल मसोई में सोमवार को धरना पर बैठे दर्जनों किसानों ने किसानों की अनदेखी पर बिहार सरकार को चेताया। धरना पर बैठे किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर सचिव अनिल सिंह ने कहा किसान पिछले 113 दिन से धरना पर बैठे हुए हैं सरकार का कोई मंत्री विधायक सांसद आदि किसानों से धरना स्थल पर आकर मिलना आवश्यक नहीं समझा। उन्होंने ने कहा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा बिना उचित मुआवजा के एक इंच सड़क निर्माण कैमूर जिले में नहीं होने दिया जाएगा। सचिव ने बिहार सरकार के द्वारा किसानों के मांग को अनदेखी करने पर नाराजगी जताई। अनिल सिंह ने सरकार को लग रहा किसान थक हार कर धरना से हठ जाएंगे। उन्होंने ने कहा अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे किसान अपनी जान दे देंगे धरना स्थल से वापस घर नहीं जाएंगे। धरना स्थल पर बैठे मसोई गांव के किसान भूपेंद्र सिंह ने कहा बिहार सरकार के द्वारा एमवीआर की समीक्षा करने के लिए समिति का गठन किया जाना स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग किया एमवीआर गठित करते समय किसानों के खेतों का प्रकृति का निर्धारण एवं वर्तमान बाजार मूल्य पर ध्यान दिया जाए। धरना में अरविंद सिंह अरूण कुमार रामायण सिंह छोटु प्रजापति अवधेश सिंह राम असीस राम रामवतार यादव चंदन कुमार श्याम सुन्दर सिंह सचिदानंद सिंह आदि दर्जनों किसान शामिल हुए।भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे निर्माण एवं एन एच 219 एवं एन एच 319 बाईपास एवं चौरी करण में किसानों की हजारों एकड़ भूमि अधिग्रहण की गई है किसान उचित मुआवजा एवं जिला आर्बिटर बहाल करने के लिए पिछले दो सालों से लगातार आंदोलन कर रहे।अपनी मांगों को लेकर किसान 113 दिन पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड कंपनी के बेस कैंप स्थल मसोई में धरना दे रहे हैं। किसानों के आंदोलन के चलते भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे कैमूर जिले में एवं एन एच 219 बाई पास एवं चौरी करण चांद में रूका हुआ है। किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर भारतीय किसान यूनियन कैमूर के संयुक्त रूप से चलाए जा रहे आंदोलन के दबाव में बिहार सरकार ने एमवीआर समीक्षा के लिए समिति गठित करने की घोषणा की है।

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