भिवंडी विधानसभा चुनाव: फर्जी पत्रकारों का बोलबाला

उम्मीदवारों का नया प्रचार हथियार

भिवंडी। विधानसभा चुनाव में एक नई और चिंताजनक प्रवृत्ति सामने आई है।उम्मीदवारों के प्रचार के लिए एक नया हथियार उभरा है—फर्जी पत्रकार। इन "स्वयंभू पत्रकारों" का असल मकसद निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया को अपने पक्ष में मोड़ना और उम्मीदवारों की छवि को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना है।

सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों का खेल ::::

सूत्रों के अनुसार, ये कथित पत्रकार उम्मीदवारों से मोटी रकम लेकर उनकी तारीफों के पुल बांधने वाली शॉर्ट वीडियो बनाते हैं। इन वीडियोज़ को सोशल मीडिया पर प्रचारित कर, जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है। चुनावी माहौल में इन फर्जी पत्रकारों का असर इतना बढ़ गया है कि वे कई उम्मीदवारों के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है और सच्चाई की जगह केवल छवि सुधारने पर ध्यान दे रहे है।

चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल :::::

जानकारी के अनुसार, ये फर्जी पत्रकार जनता के बीच झूठी खबरें फैलाकर उनके विचारों को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे है। इसका नतीजा यह है कि असली मुद्दों से ध्यान हटाकर चुनाव को एक प्रोपेगेंडा अभियान में तब्दील किया जा रहा है, जो लोकतंत्र की मूल भावना के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।

स्थानीय नागरिकों की चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग :::::

भिवंडी के दक्ष नागरिकों ने चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन से आग्रह किया है कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए और फर्जी पत्रकारिता का सहारा लेकर चुनावी माहौल बिगाड़ने वालों पर सख्त कदम उठाए जाएं। निष्पक्ष चुनाव के लिए यह आवश्यक है कि जनता के सामने वास्तविकता लाई जाए, न कि किसी का महिमामंडन।

क्या प्रशासन लगाएगा इन पर नकेल ? ::::

प्रशासन पर अब सवाल खड़ा है कि क्या वह इन फर्जी पत्रकारों पर लगाम लगाएगा, या भिवंडी का चुनावी माहौल इसी तरह भ्रामक खबरों और प्रचारों की चपेट में बना रहेगा ? जनता अब प्रशासन की कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रही है ताकि वे सही जानकारी के आधार पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें।

रिपोर्टर

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