भिवंडी महानगर पालिका: तंत्र-मंत्र, जादू-टोना और रहस्यमयी मटका

आयुक्त की करतूतों से हिला शहर

भिवंडी। भिवंडी निज़ामपुर शहर महानगर पालिका एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गई है,लेकिन इस बार वजह है इसके आयुक्त अजय विलास वैद्य की रहस्यमयी और विवादास्पद हरकतें। भ्रष्टाचार और लापरवाही के लिए बदनाम इस पालिका ने अब अंधविश्वास और तांत्रिक गतिविधियों का नया चेहरा पेश किया है। आयुक्त कार्यालय के बाहर लटका मिट्टी का मटका, दरवाजों पर लगाई गई सील, और खुद आयुक्त का अचानक छुट्टी पर चले जाना – इन घटनाओं ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी है। जनता के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि आयुक्त कार्यालय किसी प्रशासनिक केंद्र से ज्यादा अब किसी तांत्रिक आश्रम की तरह नजर आ रहा है।

आयुक्त अजय वैद्य पर यह गंभीर आरोप लगे हैं कि वह अपने कार्यालय में तांत्रिक बाबा और कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर जादू-टोना और अघोरी क्रियाएं कर रहे है.शिवसेना (उद्धव गुट) के भिवंडी पूर्व विभाग सचिव गोकुल कदम ने दावा किया है कि कार्यालय में अजीबोगरीब गतिविधियां हो रही हैं। कदम का कहना है कि आयुक्त वैद्य ने अपने कार्यालय में मिट्टी का बर्तन लटकवाया है, जो तांत्रिक गतिविधियों का प्रतीक है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कार्यालय के भीतर आयुक्त की कुर्सी और अन्य जगहों पर "अघोरी तंत्र" किए जा रहे हैं। आरोपों के मुताबिक, आयुक्त वैद्य ने पालिका कार्यालय को अपनी निजी तांत्रिक गतिविधियों का केंद्र बना दिया है। गोकुल कदम ने दावा किया कि आयुक्त के खासमखास कर्मचारियों और एक बाबा के साथ, वहां तंत्र-मंत्र और काले जादू के अनुष्ठान किए जा रहे हैं। "यह किसी सरकारी अधिकारी का कार्यालय नहीं, बल्कि एक काले जादू का अड्डा लगता है," गोकुल कदम ने कहा।

शहर को सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह लगी कि आयुक्त वैद्य ने खुद अपने कार्यालय के दोनों दरवाजों पर सील लगा दी और 3 जनवरी तक के लिए छुट्टी पर चले गए। किसी सरकारी कार्यालय का इस तरह बंद होना लोगों के लिए चौंकाने वाला है.अतिरिक्त आयुक्त विठ्ठल डाके भी इस बारे में अनजान नजर आए। उन्होंने कहा, "यह सील कब और क्यों लगाई गई, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है।"

पालिका के कर्मचारियों में इस घटना को लेकर गहरी चिंता और डर है। कई कर्मचारी दबी जुबान में कह रहे हैं कि आयुक्त के इस रवैये ने उन्हें असहज और भयभीत कर दिया है। एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "आयुक्त साहब ने कभी-कभी अपने कक्ष में अजीबोगरीब चीजें मंगवाईं। तांत्रिक बाबा का वहां आना भी देखा गया है। यह सब देखकर हम डरने लगे हैं।"

गोकुल कदम ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्य सचिव, और नगर विकास विभाग को पत्र लिखकर तुरंत कार्रवाई की मांग की है। कदम का कहना है कि आयुक्त वैद्य ने न केवल कानून तोड़ा है, बल्कि शहर की जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ किया है। आरोपों के मुताबिक, आयुक्त वैद्य ने तंत्र-मंत्र का सहारा लेकर अपने खिलाफ चल रही भ्रष्टाचार की जांचों से ध्यान हटाने की कोशिश की है। गोकुल कदम ने आरोप लगाया कि यह सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। भिवंडी की जनता इस घटना से गुस्से में है। पहले से ही भ्रष्टाचार और लापरवाही से परेशान लोग अब अंधविश्वास और तांत्रिक गतिविधियों को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। एक स्थानीय व्यापारी ने कहा "यह पालिका चल रही है या किसी जादू-टोने का खेल हो रहा है? अगर ऐसे लोग शहर का प्रशासन संभाल रहे हैं, तो भिवंडी का भगवान ही मालिक है," 

क्या आयुक्त पर लगे ये आरोप सच हैं? या यह राजनीति का एक नया दांव है? लेकिन एक बात तय है कि भिवंडी महानगर पालिका अब किसी प्रशासनिक केंद्र के बजाय तंत्र-मंत्र के अड्डे की तरह नजर आने लगी है। पालिका आयुक्त अजय वैद्य के इस कृत्य ने प्रशासन और जनता के बीच एक नई खाई पैदा कर दी है। अब यह देखना बाकी है कि सरकार और प्रशासन इस मामले पर क्या कदम उठाते हैं।

रिपोर्टर

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