भिवंडी में ठाकरे गुट के प्रमुख पदाधिकारियों ने शिंदे गुट में किया प्रवेश

भिवंडी।  महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ आया है। भिवंडी शहर में शिवसेना (ठाकरे गुट) के प्रमुख पदाधिकारियों ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे साहेब के आश्वासन और शिवसेना नेता प्रकाश पाटिल साहेब के मार्गदर्शन में भिवंडी के विकास के लिए शिवसेना (शिंदे गुट) में प्रवेश कर लिया है। यह कदम भिवंडी के राजनीतिक परिदृश्य में बड़े बदलाव का संकेत दे रहा है। ठाकरे गुट के इन पदाधिकारियों का कहना है कि उन्होंने भिवंडी के विकास को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया है।

शिंदे गुट में शामिल हुए पदाधिकारियों में महेंद्र कुंभारे (शहर सचिव), दिलीप नाइक और उमेश कोंडलेकर (दोनों विधानसभा संघटक), गोकुल कदम और दिलीप कोंडलेकर (विधानसभा सचिव), राकेश मोरे, वीरेंद्र पाटिल और मनोज पाटिल (उपशहरप्रमुख), और सोमनाथ भोईर, गंगाधर बलांडे, रमेश पवार (विभाग प्रमुख) के नाम शामिल हैं। इनके साथ-साथ राहुल मोरे, शंकर बेदरकर, दुर्वेन धुमाल, विराज मोरे, अभिषेक तिवारी, जतीन मोरे और राहुल झा समेत कई अन्य शिवसैनिकों ने शिंदे गुट का दामन थाम लिया है। इन पदाधिकारियों ने कहा कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विकास के वादे और शिवसेना नेता प्रकाश पाटिल के मार्गदर्शन ने उन्हें यह निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “हमने यह फैसला भिवंडी के विकास और जनता की सेवा को प्राथमिकता देते हुए लिया है। अब हम शिंदे गुट के माध्यम से भिवंडी में नई योजनाओं और प्रगतिशील कार्यों को अमलीजामा पहनाएंगे।”

भिवंडी में शिवसेना (ठाकरे गुट) के प्रमुख नेताओं का इस तरह शिंदे गुट में शामिल होना ठाकरे गुट के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। इस कदम से शिंदे गुट ने न केवल अपनी ताकत बढ़ाई है, बल्कि आगामी महानगरपालिका चुनावों में बढ़त बनाने का मार्ग भी प्रशस्त किया है। भिवंडी में इस घटनाक्रम ने ठाकरे गुट के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। स्थानीय नेतृत्व पर असंतोष और आंतरिक मतभेद के कारण लगातार पदाधिकारी पार्टी से पलायन कर रहे हैं।

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