"नो कचरा जोन" बना कचरा अड्डा

घंटा गाड़ियों में सड़ता कचरा, खंभे से जान का खतरा

भिवंडी।  भिवंडी निज़ामपुर शहर महानगर पालिका द्वारा स्वच्छता अभियान के तहत शहर के कल्याण नाका से भिवंडी एस.टी. डिपो तक के मार्ग को "नो कचरा जोन" घोषित करने की प्रक्रिया युद्धस्तर पर जारी है। पालिका प्रशासन ने सड़क किनारे खंभों पर "नो कचरा जोन" की चेतावनियां का फलक लगाकर नागरिकों को जागरूक करने का प्रयास किया है, लेकिन जमीनी हकीकत इस अभियान की पोल खोल रही है।

इंदिरा गांधी उप-जिला अस्पताल के मुख्य मार्ग पर पालिका की चार जर्जर घंटा गाड़ियां क्रमांक MH 04 KF 4201, 4212, 4213, 4209 वर्षों से खड़ी हैं। ये गाड़ियां कचरा ढुलाई के लिए पहले इस्तेमाल होती थीं, पर अब खटारा हो चुकी हैं और कचरे का अड्डा बन गई हैं। आस-पास के नागरिक इनमें नियमित रूप से कचरा डालते हैं, जो महीनों तक बिना साफ किए वहीं सड़ता रहता है। इससे न केवल दुर्गंध फैल रही है, बल्कि मच्छरों और बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।

"स्वच्छ भिवंडी, सुंदर भिवंडी" का नारा अब इन गाड़ियों और सड़कों पर सड़ते कचरे के बीच मज़ाक बन गया है। विडंबना यह है कि यही मार्ग शहर के सबसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक और राजनीतिक कार्यालयों तक जाता है, जिनमें भिवंडी न्यायालय, तहसील कार्यालय, आई.जी. अस्पताल, क्राइम ब्रांच कार्यालय, विधायक और सांसदों के जनसंपर्क कार्यालय भी शामिल हैं। राशन कार्यालय के मुख्य द्वार के पास फुटपाथ और सड़क के बीच में गड़ा हुआ "नो वेस्ट करचा जोन" का खंभा अब वाहनों के लिए जानलेवा बनता जा रहा है। संकरी सड़क पर खंभे की गलत जगह पर स्थापना से दोपहिया व चारपहिया वाहनों को खतरा बना हुआ है। कई बार वाहन उससे टकरा चुके हैं, लेकिन पालिका ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया।

स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि घंटा गाड़ियों को तत्काल हटाकर स्थान को साफ किया जाए और सड़क पर खड़े खतरनाक खंभों को सही जगह पर स्थानांतरित किया जाए। वरना यह "नो कचरा जोन" नाम मात्र का रह जाएगा और स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर खतरा बनता जाएगा।

रिपोर्टर

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