
भिवंडी में इमारतों की दीवारें क्यूआर कोड से हुईं बदरंग
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Jul 06, 2025
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योजना बनी मजाक,स्वच्छता को लेकर उठे सवाल
भिवंडी। स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न तरकीबें अपनाई जा रही हैं। इसी कड़ी में, राज्य सरकार द्वारा पूरे महाराष्ट्र में स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान के तहत घरों से कचरा उठाने के लिए घंटी गाड़ियां चलाई जा रही हैं। इन गाड़ियों द्वारा कचरा उठाया गया है या नहीं, इस पर नज़र रखने के लिए शहर की सभी संपत्तियों पर विशेष क्यूआर कोड लगाए गए हैं।हालांकि, शहर में कचरा उठाने वाली घंटी वाली गाड़ियां ही खराब स्थिति में हैं और उनके कर्मचारी भी प्रशिक्षित नहीं हैं, जिससे शहर के कई घरों और इमारतों की दीवारों पर लगाए गए क्यूआर कोड बेकार साबित हो रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस पर राज्य सरकार ने ठेकेदारों पर करोड़ों रुपये लुटा दिए हैं।
स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान के तहत, सरकार ने पूरे महाराष्ट्र में शहरी स्थानीय स्व-शासी निकायों में आवासीय कचरा इकट्ठा करने के लिए आईसीटी प्रणाली अपनाई है। इसके तहत, यह देखने के लिए कि हर जगह से कचरा उठाया जा रहा है या नहीं, शहर में आवासीय और वाणिज्यिक सहित कुल 2 लाख 44 हजार 778 संपत्तियों पर क्यूआर कोड वाले बैच 20 अगस्त 2024 को सभी इमारतों पर लगाए गए थे।
लेकिन, स्वच्छता विभाग या कचरा उठाने वाली घंटी वाली गाड़ियों को आज तक इसका कोई फायदा नहीं हुआ है। इसलिए, यह जांचने की आवश्यकता है कि सरकार ने यह योजना नागरिकों के भले के लिए लागू की थी या ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए। स्वच्छता विभाग के प्रमुख जे.एम. सोनवणे ने बताया है कि पूरे भिवंडी शहर में ये क्यूआर कोड सरकारी आदेश से लगाए गए हैं और अगले एक महीने में यह काम पूरा होने के बाद सभी घंटी वाली गाड़ियां इस प्रणाली से जुड़ जाएंगी, जिससे यह दर्ज किया जा सकेगा कि घंटी वाली गाड़ी कहाँ गई या नहीं, और कचरा कहाँ से उठाया गया।
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