भिवंडी में पुलों से गिरता पानी और मेट्रो साइट से गिरती सरिया बनी जान का खतरा

भिवंडी। भिवंडी शहर में विकास कार्यों की अनदेखी अब आम लोगों की जान पर भारी पड़ने लगी है। एक ओर जहां पुलों से लगातार गंदा पानी सड़कों पर गिर रहा है, वहीं दूसरी ओर निर्माणाधीन मेट्रो परियोजना से गिरती लोहे की सरिया जैसे हादसे लोगों को दहशत में जीने पर मजबूर कर रहे हैं। धामणकर नाका क्षेत्र में 5 अगस्त को एक गंभीर हादसा हुआ, जब मेट्रो स्टेशन के निर्माण स्थल से एक भारी लोहे की सरिया अचानक नीचे गुजर रही ऑटो रिक्शा पर आ गिरी। यह सरिया ऑटो की छत को चीरते हुए सीधे अंदर बैठे सोनू शेख नामक मजदूर के सिर में जा घुसी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह मंजर बेहद भयावह था। घायल सोनू को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने पांच घंटे की जटिल सर्जरी के बाद सरिया को सफलतापूर्वक बाहर निकाला। चिकित्सकों का कहना है कि यह किसी चमत्कार से कम नहीं है कि सोनू की जान बच गई। चार इंच गहराई तक सरिया सिर में धंसी थी, लेकिन जानलेवा स्थिति के बावजूद वह अब खतरे से बाहर है। इस घटना के बाद स्थानीय नागरिकों में रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि मेट्रो परियोजना के तहत जारी निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी की जा रही है। न तो कोई सुरक्षा जाल लगाया गया है और न ही चेतावनी संकेत लगाए गए हैं।

शहर के कई पुलों से लगातार गंदा पानी नीचे गिर रहा है, जिससे पैदल चलने वालों और दोपहिया वाहन चालकों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। बरसात के मौसम में यह समस्या और भी विकराल हो जाती है। पुल के नालियों की सफाई न होने के कारण सड़कों पर कीचड़ फैल जाता है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। अब तो हालात ऐसे बन गए हैं कि लोग सड़कों पर चलते समय हेलमेट पहनने को मजबूर हो गए हैं। यह स्थिति किसी भी विकसित शहर की पहचान नहीं हो सकती। नागरिकों का कहना है कि नेता और अधिकारी केवल कागजों पर योजनाएं बना रहे हैं, जबकि जमीनी हकीकत इससे बिलकुल उलट है। स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने मांग की है कि मेट्रो और पुलों के निर्माण कार्यों की तुरंत समीक्षा की जाए तथा सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, जिन इलाकों में पुलों से पानी गिरता है, वहां स्थायी मरम्मत कराई जाए। शहर के नागरिक अब यह सवाल कर रहे हैं कि क्या विकास का मतलब केवल निर्माण करना है या उसमें नागरिकों की सुरक्षा भी शामिल है। जब तक इन सवालों के उत्तर नहीं मिलते, तब तक हर गुजरने वाला व्यक्ति डर के साये में ही रहेगा।

रिपोर्टर

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