भिवंडी में क्लोरीन गैस रिसाव से हड़कंप, 5 कर्मचारी गंभीर

स्टेम ट्रीटमेंट प्लांट में आधी रात हादसा, एक किलोमीटर इलाका खाली करवाया गया


900 किलो का रिसाव.... भिवंडी "दूसरा भोपाल"  बनने से बचा


भिवंडी। भिवंडी शहर सोमवार देर रात एक बड़े हादसे से बाल-बाल बच गया। टेमघर पाडा स्थित स्टेम ट्रीटमेंट प्लांट में क्लोरीन गैस का रिसाव होने से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। इस हादसे में प्लांट के पांच कर्मचारी गंभीर रूप से प्रभावित हो गए, जिन्हें तत्काल शहर के लाइफलाइन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, आधी रात करीब साढ़े 12 बजे पानी शुद्धिकरण प्लांट में रखे 900 किलो की क्षमता वाले क्लोरीन गैस सिलेंडर में अचानक रिसाव शुरू हो गया। देखते ही देखते जहरीली गैस पूरे परिसर में फैलने लगी। सबसे पहले प्लांट में तैनात सुरक्षा गार्ड अखिलेश मिश्रा और अन्य कर्मचारी—केमिस्ट प्रकाश पाटिल, हेल्पर ऋषिकेश म्हात्रे, विपुल चौधरी और जयवंत चौधरी इसकी चपेट में आ गए। जैसे ही घटना की खबर फैली, महानगर पालिका का आपातकालीन विभाग सक्रिय हो गया। विभाग प्रमुख साकिब खर्बे और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और घंटों की मशक्कत के बाद रिसाव को रोका गया। इस बीच एहतियातन पूरे प्लांट को घेराबंदी कर सील कर दिया गया और आसपास के एक किलोमीटर क्षेत्र में लोगों को घर खाली करने का निर्देश दिया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए देर रात अतिरिक्त आयुक्त विठ्ठल डाके और पानी पुरवठा विभाग के कार्यकारी अभियंता संदीप पटनावर ने मोर्चा संभाला। शांतिनगर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी विनायक गायकवाड़ और नगर पालिका के सुरक्षा अधिकारी खैरे ने भी टीम के साथ इलाके को सुरक्षित किया। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्लांट में अभी भी 20 से 25 सौ टन क्लोरीन गैस सिलेंडर मौजूद हैं। अगर रिसाव पर समय रहते काबू नहीं पाया जाता तो स्थिति भयावह हो सकती थी और भिवंडी ‘दूसरा भोपाल’ बन सकता था। रात भर चली कार्रवाई के बाद सुबह चार बजे तक गैस रिसाव पूरी तरह नियंत्रित हो सका और तब लोगों ने राहत की सांस ली।

रिपोर्टर

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