जनता से छीना मैदान,भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा आज़ाद मैदान

शहर का "आज़ाद मैदान" हुआ बंधक !


 भिवंडी। भिवंडी-निज़ामपुर शहर महानगरपालिका एक बार फिर विवादों में घिर गई है। शहर के ऐतिहासिक और बहुप्रचलित कोटरगेट मस्ज़िद के पास स्थित आज़ाद मैदान को लेकर स्थानीय नागरिकों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायतकर्ता परमेश्वर संपतराव अंभोरे ने महानगर पालिका प्रशासन को दिए पत्र में आरोप लगाया है कि भ्रष्ट अधिकारियों और लोकप्रतिनिधियों ने नियमबाह्य तरीके से इस मैदान को निजी संस्थाओं को हस्तांतरित कर भारी भ्रष्टाचार किया है। आज़ाद मैदान न सिर्फ भिवंडी बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लिए भी व्यापारिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। यहाँ वर्षों से स्थानीय व्यापारी, नागरिक, खेल प्रेमी और विभिन्न सामाजिक संगठन अपने आयोजन करते रहे हैं। लेकिन आरोप है कि पालिका प्रशासन ने बिना किसी ठोस कारण और नियमों की अनदेखी करते हुए मैदान को निजी संस्थाओं को सौंप दिया, जिससे जनता को अपने अधिकार से वंचित होना पड़ा। अंभोरे ने कहा है कि मैदान का उपयोग अब तक सिर्फ सार्वजनिक कार्यक्रमों—जैसे खेल, व्यापारिक मेले और सांस्कृतिक आयोजन—के लिए होता आया है। शासन का निर्णय है कि किसॊ खेल मैदान अथवा गार्डेन को अन्य प्रकार से उपयोग नहीं कर सकते हैं।  ऐसे में इसे निजी हाथों में सौंपना न केवल अवैध है बल्कि जनहित के खिलाफ भी है। पत्र में यह भी उल्लेख है कि इस हस्तांतरण से प्रशासन को आर्थिक लाभ नहीं हुआ, उल्टा बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ियां हुई हैं।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि यह मैदान निजी संस्थाओं के कब्ज़े में चला गया तो आम जनता के लिए एकमात्र बड़ा सार्वजनिक स्थल छिन जाएगा। उन्होंने मांग की है कि मैदान को तत्काल महानगर पालिका की देखरेख में वापस लिया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो। फिलहाल पालिका प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इस पूरे मामले ने शहर में राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज़ कर दी है।जनता अब निगम से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रही है।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट