पिपलिया कुलमी, भोजपुर और करकरी में तीन बाल विवाह प्रयास नाकाम संयुक्त टीम की त्वरित कार्रवाई, परिजनों को सख्त चेतावनी


राजगढ़ । जिले में बाल विवाह रोकथाम के लिए चल रहे सतर्कता अभियान के तहत महिला बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग और अहिंसा वेलफेयर सोसायटी की संयुक्त टीम ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पिपलिया कुलमी, भोजपुर और करकरी गांवों में हो रहे तीन संभावित बाल विवाहों को समय रहते रोक दिया। टीम को लगातार मिल रही विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर यह कार्रवाई की गई। सभी स्थानों पर परिजनों को सख्त हिदायत दी गई तथा आवश्यक पंचनामा तैयार किया गया।

 पिपलिया कुलमी नाबालिग दूल्हा पाया गया, शादी की तैयारी रुकी

सूचना मिली थी कि गांव में एक नाबालिग लड़की का विवाह कराया जा रहा है। टीम के मौके पर पहुंचने पर लड़की बालिग पाई गई, लेकिन घटनास्थल पर 15 वर्षीय किशोर, जिसके शरीर पर हल्दी लगी थी, उपस्थित मिला। किशोर ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसकी शादी होने वाली थी। दस्तावेज़ों की जांच में उसकी उम्र 15 वर्ष ही पाई गई। संयुक्त टीम ने परिजनों को सख्त हिदायत दी कि बाल विवाह कानूनन अपराध है और यदि विवाह कराया गया तो एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय स्टेकहोल्डर्स को भी विवाह पर निगरानी रखने और सतर्क रहने के निर्देश दिए गए।

भोजपुर बालिका की शादी की आशंका समझाइश दी

भोजपुर से मिली सूचना के बाद टीम मौके पर पहुँची।परिजनों ने बताया कि बालिका की केवल सगाई हुई है और शादी अभी नहीं करेंगे। टीम ने परिजनों और ग्रामीणों को स्पष्ट कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह पूरी तरह अवैध है और ऐसा करने पर अनिवार्य रूप से एफआईआर दर्ज की जाएगी। ग्रामीणों को भी सतर्क रहने की अपील की गई।

 करकरी 15 वर्षीय बालिका का विवाह टला, परिवार ने किया स्थगित

करकरी गांव में 12 वर्ष की नाबालिग बालिका का विवाह किए जाने की सूचना पर संयुक्त टीम मौके पर पहुँची। पूछताछ में पाया गया कि विवाह की तैयारी चल रही थी। टीम ने परिजनों को सख्त हिदायत दी कि बाल विवाह दंडनीय अपराध है। समझाइश के बाद परिवार ने विवाह स्थगित कर दिया और भविष्य में कानून का पालन करने की बात कही।

कार्रवाई के बाद तीनों गांवों में महिला बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, अहिंसा वेलफेयर सोसायटी और स्थानीय स्टेकहोल्डर्स स्थिति पर लगातार नजर रखेंगे। टीम ने समुदाय को चेताया कि बाल विवाह न केवल अपराध है बल्कि बच्चों के भविष्य को गंभीर खतरे में डालने वाला कृत्य है। किसी भी स्थान पर विवाह होते पाए जाने पर विवाह में शामिल सभी व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाएगी। उक्त संयुक्त कार्रवाई में परियोजना जीरापुर, खिलचीपुर की महिला बाल विकास टीमें, भोजपुर एवं माचलपुर पुलिस, अहिंसा वेलफेयर सोसायटी राजगढ़ की टीम तथा स्थानीय स्टेकहोल्डर्स शामिल रहे। सभी ने समन्वित रूप से त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों संभावित बाल विवाहों को समय रहते रोका।

इसी क्रम में खिलचीपुर के लक्ष्मणपुर और सेमली काकड़ गांव में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। चौपाल के माध्यम से ग्रामीणों को बाल विवाह के सामाजिक दुष्परिणाम, बच्चों पर पड़ने वाले मानसिक शारीरिक प्रभाव तथा इसके कानूनी प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी गई। बताया कि जागरूकता कार्यक्रम लगातार जारी हैं, और इसी बीच जहां-जहां से बाल विवाह की जानकारी प्राप्त हो रही है, वहां तुरंत कार्रवाई की जा रही है। परिजनों को यह स्पष्ट हिदायत भी दी जा रही है कि यदि कहीं भी बाल विवाह किया गया, तो विवाह में शामिल प्रत्येक व्यक्ति पर वैधानिक कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जाएगी।

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