कविता : बेटी भ्रुड़ हत्या

बेटा भईले पर बाजे सोरहउ बजनवां, 

बेटी भईले पर टुटे मनवां हो बोल काहे- हो बोल काहे।

अब गरभर्इ में मारल जाता जनवां,हो बोल काहे-हो बोल काहे।

आखिर बेटीये तो हो लीन कहियउ केहुअई के माई ,

जबन माई न रही त बेटा के जनमाइ,

जेकरा से भइल बाटइ सगरउ जहनवां

ओकरा लियात परनवां हो बोल काहे।

अब गरभई में मारल जाता जनवा हो बोल काहे -हो बोल काहे।

कबहुं बेटी से जादा बेटा सुख ना दे पाई ,

तबहुं माई औरी बापू कहे धन हौ पराई 

दिन-दिन भईल जाता बेटी के पतनवां,

जेकरा से बाटई  वतनवां हो बोल काहे।

अब गरभई में मारल जाता जनवा हो बोल काहे - हो बोल काहे।

लिखले भईया एस.एस.पी.बी.सी सब से विनती बा भाई जहिया बेटी ना रही सृष्टि खतम हो जाई हो बोल काहे।

अब गरभई में मारल जाता जनवां हो बोल काहे - हो बोल काहे।

                                              एस.एस.पी.बी.सी

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