माननीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने मछलियों के उन्न्त प्रजाति के बीजों को गंगा नदी में छोड़ा

प्रयागराज/आज कुम्भ मेले में अपने प्रवास के दौरान माननीय मंत्री श्री नितिन गडकरी, नमामि गंगे परियोजना के मार्गदर्षक ने मत्स्य अनुसंधान संस्थान, इलाहाबाद द्वारा आयोजित रैंचिंग कार्यक्रम के अन्तर्गत विलुप्त हो रही कटला, रोहु और नैन मछलियों के उन्न्त प्रजाति के बीजों को गंगा नदी में छोड़ा। उन्होने संस्थान के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए उनकी नमामि गंगे परियोजना की भागीदारी के लिए सराहना की। माननीय मंत्री के कार्यक्रम में अमूल्य समय निकाल कर भागीदारी के लिए संस्थान के केन्द्राध्यक्ष डा० रमा शकर श्रीवास्तव ने संस्थान के वैज्ञानिको की ओर से उनका आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर गंगा नदी में उपरोक्त प्रजातियों के दस हजार बीज संगम पर छोड़े गए। इस कार्यक्रम के दौरान संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक आम सभा का आयोजन किया जिसमें वंहा पर उपस्थित सभी श्रद्धालु एवम मछुआरा समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया। वैज्ञानिकों ने विस्तार से नमामि गंगे परियोजना के उददेष्यों, गंगा नदी की दुर्दषा और उसके विलुप्त हो रहे जलीय जीव जन्तुओं के कारण और निवारण के बारे में अवगत कराया। वैज्ञानिकों का मानना था कि गंगा नदी के प्रवाह की अविरलता, निर्मलता एवम जल की सतत उपलब्धता सरकार सुनिष्चित करें। ऐसा इसलिए है कि गंगा नदी में बढ़ता हुआ प्रदूशण और अनगिनत बंाधो का अमबार गंगा को बाधित कर दिया है। परिणामस्वरूप गंगा की मछलियो के प्रजनन पर भारी असर पड़ा है जिससे गंगा नदी की जैव विविधता और मछलियों की संख्या प्रभावित हुई है और बहुत सी मछलिया विलुप्तप्राय हो गई हैं। इस संदर्भ में हमने मंत्री महोदय से आग्रह किया कि वो प्रभावकारी नीतिगत निर्णय ले कर प्रदूशण पर रोक लगाए और तमाम बांधो द्वारा विखण्डित अविरलता को अविरल धारा में तब्दील करें।

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